चंडीगढ़ : नियमित किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली में जंतर-मंतर पर आमरण अनशन कर रहे गेस्ट टीचरों के आंदोलन का पात्र अध्यापकों ने विरोध शुरू कर दिया है। इनका कहना है कि ये लोग सरकार पर अनुचित दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पात्र अध्यापक संघ की महिला प्रदेशाध्यक्ष अर्चना सुहासिनी ने यहां जारी एक बयान में अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति को अब तक की सबसे बड़ी गड़बड़ी वाली नियुक्ति करार दिया है।
अब इनके समर्थन में फरीदाबाद से कांग्रेसी सांसद अवतार सिंह भड़ाना का अनशन पर बैठना हास्यास्पद है। एनसीटीई के नियमों को ताक पर रखकर पहले ही इन अध्यापकों को एचटेट में छूट दी गई थी।
वहीं जितनी वेतनवृद्धि इन अतिथि अध्यापकों की की गई है, उतनी वेतनवृद्धि (20 से 30 प्रतिशत) तो अभी तक किसी भी कच्चे या पक्के कर्मचारी को नहीं दी गई। पीजीटी गेस्ट टीचर कॉलेज कैडर के गेस्ट टीचर्स से भी अधिक मानदेय ले रहे हैं। वहीं इन अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति में पूरी तरह से भाईभतीजावाद बरता गया। उन्होंने कहा कि अतिथि अध्यापकों में 4500 जेबीटी अध्यापक ऐसे हैं, जिनके पास जेबीटी का डिप्लोमा ही नहीं है, फिर सरकार उन्हें किस आधार पर नियमित कर सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने किसी भी दबाव में आकर इन अध्यापकों को नियमित करने की कोशिश की तो पात्र अध्यापक संघ इसका विरोध करेगा। db
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