तोशाम : अतिथि अध्यापकों की ओर से 14 फरवरी को संसद का घेराव करने की चेतावनी दी गई है। वहीं संसद घेराव के बाद भी अतिथि अध्यापकों ने आमरण अनशन को जारी रखने का ऐलान कर दिया है। अनशन पर बैठे अतिथि अध्यापकों की सेहत भी दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है।
नियमित करने की मांग को लेकर अतिथि अध्यापक संघ ने गत 8 फरवरी को दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर महाआक्रोश रैली का आयोजन किया था और अतिथि अध्यापक संघ के 11 सदस्य 9 फरवरी से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। इसके साथ ही कमिश्नरी स्तर पर भी रोजाना अतिथि अध्यापकों का प्रदर्शन जारी रहता है। सामाजिक संगठन, राजनीतिक दल और कर्मचारी यूनियनों का अतिथि अध्यापकों को समर्थन मिल रहा है। वीरवार को इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने अतिथि अध्यापकों को समर्थन दिया है। अतिथि अध्यापक संघ में इस बात को लेकर भी रोष बढ़ रहा है कि 5 दिन से आमरण अनशन पर बैठे अतिथि अध्यापकों की सेहत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है और कोई सुध लेने वाला नहीं है।
हालत बिगड़ी
अतिथि अध्यापक संघ के पूर्व प्रधान जितेन्द्र थिलोड़ के अनुसार देर शाम आमरण अनशन पर बैठे एक अतिथि अध्यापक और एक अध्यापिका का स्वास्थ्य अचानक बिगड़ गया थ। उन्हें दिल्ली प्रशासन ने अस्पताल में भर्ती कराया।
यह है मामला
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2005 में सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए अतिथि अध्यापक लगाने का निर्णय लिया था और तब से लेकर आज तक अतिथि अध्यापक नियमित होने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। dt
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