चंडीगढ़ : आइएएस डॉ. अशोक खेमका सरीखे बार-बार तबादले का शिकार होने वाले अधिकारियों को इस फैसले से बड़ी राहत मिलेगी। राज्य सरकार ने तत्परता दिखाते हुए सोमवार को सिविल सर्विस बोर्ड का गठन कर दिया। तीन सदस्यीय इस बोर्ड के चेयरमैन राज्य के मुख्य सचिव एससी चौधरी होंगे। शेष दो सदस्यों में अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व और कार्मिक (पसरेनल) विभाग के विशेष सचिव शामिल हैं। अशोक खेमका अपनी 22 साल की सर्विस में 44 बार तबादला ङोल चुके हैं। राज्य सरकार ने हाल ही में बोर्ड के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। अधिकारियों को लगता है कि इस बोर्ड के गठन से आए दिन किसी भी समय होने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले में राजनीतिक हस्तक्षेप कम हो जाएगा, क्योंकि बोर्ड की राय के बाद अधिकारियों के तबादले व नियुक्तियां होंगी। सरकार को अधिकारियों को तबादला करने पर बोर्ड को लिखित में कारण बताना होगा।
सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों के बाद राज्य सरकार ने यह बोर्ड गठित करने संबंधी अधिसूचना जारी की है। आइएएस अधिकारी की किसी भी पद पर नियुक्ति का समय कम से कम दो वर्ष होगा, बशर्ते पदोन्नति, प्रतिनियुक्ति या ट्रेनिंग पर जाने का कोई कारण नहीं बने। मुख्य सचिव कार्यालय के सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार आइपीएस अधिकारियों के तबादलों व नियुक्तियों के मामलों में भी शीघ्र बोर्ड का गठन करना चाहती है, जिसमें मुख्य सचिव चैयरमेन तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग व पुलिस महानिदेशक सदस्य होंगे।
लिखित आदेश चलेंगे
कोई अधिकारी अब अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं पाएगा क्योंकि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अनुपालन करते हुए अधिसूचना जारी कर दी है कि वरिष्ठ अधिकारी अगर निचले स्तर के अधिकारी को कोई निर्देश जारी करता है तो उसे वह लिखित में देने होंगे। dj
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