फरीदाबाद : सर्व कर्मचारी संघ की प्रदेश कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक मंगलवार को हो रही है। इसमें राज्य कमेटी के पदाधिकारी, विभागीय संगठनों के राज्य प्रधान व महासचिवों के अलावा संघ की जिला कमेटियों के प्रधान व सचिव भाग लेंगे। इसमें कर्मचारियों की मांगों पर रणनीति तय की जाएगी। संघ के महासचिव सुभाष लांबा व मुख्य संगठनकर्ता वीरेंद्र डंगवाल के अनुसार हरियाणा कर्मचारी तालमेल कमेटी ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के बारे में गठित कमेटी के समक्ष 30 जनवरी २०१४ को अपना पक्ष रखते हुए कहा कि दो वर्ष की सेवा पूरी कर चुके पार्टटाइम, डेली वेजिज, अनुबंध, तदर्थ, वर्कचार्ज, कंटीजेंसी व प्रोजेक्ट में लगे कर्मचारियों को पक्का करने में किसी भी न्यायालय का फैसला रुकावट पैदा नहीं करता। जब पंजाब सरकार तीन वर्ष, उत्तराखंड 5 वर्ष व हिमाचल सरकार 6 वर्ष सेवा पूरी कर चुके कर्मचारियों को पक्का कर सकती है तो हरियाणा सरकार दो वर्ष की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारियों को पक्का क्यों नहीं कर सकती। उन्होंने कहा 31 जनवरी को श्रमायुक्त की अध्यक्षता में श्रम कानूनों की कड़ाई से पालना करने को लेकर तालमेल कमेटी ने मजबूत तरीके से अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा राज्य में श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। प्रधान नियोक्ता व ठेकेदार की मिलीभगत से अलग-अलग विभागों में करोड़ों के ईपीएफ व ईएसआई के घोटालों का पर्दाफाश हो रहा है। लेकिन सरकार व श्रम विभाग कुछ नहीं कर रहा। कमेटी ने श्रमायुक्त के समक्ष ठेका प्रथा को समाप्त करने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने व खाली पड़े पदों को स्थाई भर्ती से भरने की मांग को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा इसी सप्ताह राज्य कर्मचारियों को केंद्र के समान ग्रेड-पे व भत्ते देने, विभागीय संगठनों की वेतन विसंगतियां दूर करने, लिपिक, पुलिस, बिजली, एमपीएचडब्ल्यू, वन, राजस्व आदि विभागों के कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान देने का विस्तृत मसौदा प्रधान सचिव मुख्यमंत्री हरियाणा को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी अगर सरकार ने कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया तो प्रदेश के कर्मचारी व शिक्षक एक बार फिर आंदोलन की राह पर होंगे। db
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