अम्बाला सिटी : एचटेट पीजीटी की परीक्षा ने नकल के मामले में ऐसे किरदार उजागर किए, जो नकल पकडऩे के मामले में जाने जाते हैं। ये हाईटेक नकलची अपने आपको बेहद समझदार समझ रहे थे लेकिन पकडऩे वाले उनसे भी ज्यादा तेज-तर्रार थे। नतीजा यह निकला कि परीक्षा में तीन नकलची पकड़ लिए गए। पकडऩे वाले खुद हैरान थे।
एक नकलची बार-बार घड़ी की तरफ देख रहा था। दूसरे का पैर कुछ ज्यादा ही सलबला रहा था। बस, यहीं से सुपरिंटेंडेंट को शंका हो गई। यह शंका बाद में हकीकत में तब्दील हो गई। नकलचियों के चेहरे उतरे हुए थे। उनके पास जवाब नहीं था। सुपरिंटेंडेंट ने उन्हें नसीहत भी दी। कहा गया कि आप लोग खुद नकल रहे हैं तो आने वाली पीढ़ी आपसे क्या उम्मीद रखेगी। बहरहाल, इन तीन नकलचियों को छोड़कर कैंट और सिटी के 29 परीक्षा केंद्रों पर एचटेट की परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हो गई।
हर सेंटर पर टूटी धारा 144
एचटेट की परीक्षा को लेकर डीसीपी ने जिले में धारा 144 लगाई थी। धारा का उद्देश्य था कि सेंटर के बाहर पांच या इससे अधिक लोग इकट्ठे न हों। यह धारा सेंटर के 200 मीटर के दायरे में लगाई गई थी। इसके बावजूद ऐसा कोई सेंटर नहीं था, जिसके बाहर इस धारा का उल्लंघन न हुआ हो। यही नहीं, कुछ सेंटर तो ऐसे भी थे, जहां फोटोस्टेट की दुकानें आम दिनों की तरह खुली हुई थीं।
सेंटरों की हुई वीडियोग्राफी :
स्कूल शिक्षा बोर्ड भिवानी ने हर सेंटर में वीडियोग्राफी कराई। परीक्षा शुरू होने से पहले ही बाहर खड़े परीक्षार्थियों की वीडियो बनाई गई। उसके बद उनकी तलाशी व परीक्षा देते हुए वीडियो बनाई गई।
केस 1
सिटी के तुलसी वुमन बीएड कॉलेज में रोहतक का अनिल कुमार परीक्षा देने आया था। वह जूते में मोबाइल छिपा कर लाया था। यह मोबाइल एड़ी में फंसा हुआ था। इसके लिए उसने विशेष तौर पर जूता बनवाया था। कान में ब्लू टुथ लगा रखा था। इसी के जरिए वह अपने सूत्र से प्रश्नों के जवाब मंगवा रहा था। बार-बार वह कान पर हाथ लगा रहा था। सुपरिंटेंडेंट प्रीतम सैनी को शक हुआ। वह कुछ भी नहीं बोले। नजरें उसी पर गड़ा दीं। पूछा, तुम ब्लू टुथ का उपयोग कर रहे हो। अनिल मुकर गया। सैनी ने ब्लू टुथ अपने मोबाइल पर लगाया, मोबाइल घनघना उठा। अनिल की पोल खुल गई।
केस 2
सिटी के तुलसी वुमन बीएड कॉलेज में ही दूसरा नकलची पकड़ाया। यह हिसार का अमन कुमार था। अमन सरकारी स्कूल में पीटीआई शिक्षक है। इसके हाथ में शानदार बड़ी घड़ी थी। दरअसल, वह घड़ी नहीं, डबल सिम वाला मोबाइल था। अमन का हाथ बार-बार घड़ी पर जा रहा था। सुपरिंटेंडेंट ने देखा कि अमन का ध्यान प्रश्न पत्र हल करने से ज्यादा घड़ी पर था। उन्होंने उसके निकट जाकर पूछा तब वह भी मुकर गया। घड़ी खुलवा कर देखी तो परीक्षा केंद्र में बैठे सभी विद्यार्थियों की आंखें भी फटी रह गईं। अमन इसी मोबाइल के जरिए एसएमएस से प्रश्नों के उत्तर मंगवा रहा था।
केस 3
तीसरा नकलची हाईटेक नहीं था। वह पुराने तौर-तरीकों से ही प्रश्न पत्र हल करने की कोशिश कर रहा था। वह अपने हाव-भाव और संदिग्ध परिस्थितियों के कारण पकड़ में आ गया। यह नकलची था हिसार का नीरज। वह अम्बाला पब्लिक स्कूल दुर्गा नगर सिटी में परीक्षा दे रहा था। वह अपने साथ पर्ची लाया था। यह पर्ची प्रश्न पुस्तिका के अंदर थी। वह बार-बार इधर-उधर देख रहा था। कभी उसकी निगाहें ड्यूटी देने वालों की तरफ टिक जाती थी। बस यहीं से उस पर नजर रखी गई। ड्यूटी देने वालों ने जब प्रश्न पत्र हिलाया तो उसमें से पर्ची निकल आई।
15 मिनट में कैसे होती तलाशी परीक्षार्थियों की
एचटेट परीक्षा में सबसे बड़ी खामी समय को लेकर सामने आई। परीक्षा केंद्र पर 15 मिनट पहले भीतर जाने की अनुमति दी गई। इतने कम समय में सभी विद्यार्थियों की चेकिंग होना संभव नहीं थी। इसी का लाभ हाईटेक नकलचियों को मिला।
दूसरे के रोल नंबर पर बैठ गया परीक्षार्थी
जीएमएन कॉलेज के ब्लॉक नं. एक में अजीब वाकया हुआ। एक परीक्षार्थी था, जो बड़ी जल्दबाजी में था। उसका रोल नंबर 512 (अंतिम तीन अंक) था। वह अपना स्थान छोड़कर 612 पर जाकर बैठ गया। पर्यवेक्षक ने उसे पकड़ लिया। हालांकि केस नहीं बनाया। db
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