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Sunday, 16 February 2014

अतिथि अध्यापकों के समर्थन में कैंडल मार्च


** अनशन पर बैठे अतिथि अध्यापकों की तबियत लगातार बिगड़ रही
कुरुक्षेत्र: नियमित होने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे अतिथि अध्यापकों के समर्थन में राजकीय स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थियों ने भी कैंडल मार्च निकाला। राजकीय प्राथमिक पाठशाला कमोदा के विद्यार्थियों ने शुक्रवार रात को कैंडल जलाकर अतिथि अध्यापकों को नियमित करने की मांग की। वहीं दिल्ली जंतर-मंतर पर अनशन कर रहे 11 अतिथि अध्यापकों की तबियत भी लगातार बिगड़ रही है। अनशन पर बैठी शिक्षिका पुष्पा देवी की तबीयत शनिवार शाम पांच बजे बिगडऩे से मौके पर ही अस्पताल से चिकित्सक पहुंचे और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने को कहा। 
शिक्षिका पुष्पा देवी ने इससे साफ मना करते हुए अनशन जारी रखने की घोषणा की। अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश प्रवक्ता राजेश शर्मा ने बताया कि अतिथि अध्यापक संघ ने प्रदेश सरकार को 17 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है। अगर 17 फरवरी तक भी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो अनशन पर बैठे शिक्षक खाने के साथ-साथ जल भी त्याग देंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। संघ के जिलाध्यक्ष इंद्रजीत शर्मा व जिला उपप्रधान सुनील सैनी ने कहा कि पिछले सात दिनों से 11 अतिथि अध्यापक जंतर मंतर पर आमरण अनशन कर रहे हैं। संघ के प्रदेश संयोजक राजेंद्र शास्त्री ने कहा कि प्रदेश सरकार अतिथि अध्यापकों की मांगों की अनदेखी कर रही है। 
कैंडल मार्च निकाल जताया रोष - 
इस्माइलाबाद : कस्बे में अतिथि अध्यापकों ने विद्यार्थियों के साथ कैंडल मार्च निकालकर सरकार के प्रति अपना रोष जताया। अतिथि अध्यापिका ममता कोमल, शालिनी गांधी, मनप्रीत, मीनू, सविता, अंजु, रेखा, शशी, बलजिंद्र कौर ने कहा कि पिछले नौ वर्षों से अतिथि अध्यापक सरकारी स्कूलों में कार्य कर रहे हैं। अतिथि अध्यापिका राजरानी के शहीदी दिवस 7 सितंबर 2008 के बाद सरकार ने उन्हें नियमित करने का वादा किया था, लेकिन सरकार ने अपने वादे को अभी तक पूरा नहीं किया है। इसे लेकर अतिथि अध्यापकों में खासा रोष है। 11 अतिथि अध्यापक सात दिनों से जंतर मंतर दिल्ली में आमरण अनशन पर बैठे हैं, लेकिन सरकार का कोई भी नुमाइंदा उनकी खबर लेने ही नहीं गया। इससे सरकार की संवेदनहीनता साफ दिखाई देती है।                                         db

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