रोहतक : जिला स्थानांतरण नीति को लेकर जेबीटी अध्यापकों ने कहा कि सरकार अंतर जिला स्थानांतरण नीति को लागु न करके उन्हें सड़क पर उतरने को मजबूर कर रही है, जबकि वे इस बारे में मुख्यमंत्री से भी मिले चुके हैं। सीएम ने आश्वासन दिया था कि प्रदेश में जेबीटी अध्यापाकों के लिए जिला स्थानांतरण नीति को लागू किया जा रहा है। तीन साल बाद भी सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। अध्यापकों ने कहा कि सरकार उनके धैर्य की परीक्षा न ले।
शनिवार को स्थानांतरण संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष धर्मपाल की अध्यक्षता में प्रदेशभर से जेबीटी अध्यापक सेक्टर 6 के मैदान में एकत्रित हुए। अध्यापकों को संबोंधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अंतर जिला स्थानांतरण नीति को लागू करवाने के लिए वे पिछले 3 साल से संषर्घ कर रहे हैं, सभी जिलों से अध्यापकों ने नौ अक्टूबर को प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे थे, लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी सरकार अंतर जिला स्थानांतरण नीति को लागू नहीं कर रही है। और अब सरकार उन्हें इस मांग को लेकर सड़क पर उतरने को मजबूर कर रही है। अध्यापकों का कहना था कि वे गृह जिलों से काफी दूर होने के कारण उन्हें परेशानी हो रही है। यहा तक कि हम अपने बुर्जगों की देखभाल भी नहीं कर पा रहे है।
अध्यापकों ने कहा कि अगर सरकार ने मांगें नहीं मानी तो उनका संघर्ष जारी रहेगा। दोपहर बाद बाद सभी अध्यापक जलूस की शक्ल में सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए उपायुक्त कार्यालय रोहतक के लिए चले। पुलिस ने उन्हें सेक्टर छह के मोड़ पर ही रोक लिया। बाद में उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम उनके राजनीतिक सचिव जेके मलहोत्रा को सौंप दिया। dt
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