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Wednesday, 5 February 2014

बिना जांच के ही दबाव में बना डाली अंकतालिका

** कुवि प्रशासन ने शुरू की जांच प्रक्रिया
कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में गलत, बिना पास हुए अंकतालिका बनवानी अब मुश्किल नहीं है, क्योंकि कर्मचारी जहां पैसे लेकर अंकतालिका बना सकते हैं वहीं अधिकारी दबाव में आकर बिना जांच के ही अंकतालिका जारी भी कर सकते हैं। दबाव भी किसका सिर्फ कुवि प्रवक्ता का। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि नकली अंकतालिका बनवाना या फिर अंक बढ़वाना कितना आसान है। 
ऐसे ही एक मामले में कुवि की परीक्षा शाखा ने छात्र सचिन ने बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा के लिए अंक सुधार करने का दावा किया, तो कुवि प्रशासन ने उसकी प्रथम वर्ष की अंकतालिका बना दी, जिसके बाद उसी के आधार पर दूसरे वर्ष की अंकतालिका को तैयार किया गया और जारी भी कर दिया। इसके बाद अधीक्षक स्तर के अधिकारी को याद आया कि जांच कर ली जाए तो मेमसाहब ने उसकी जांच की। जांच में उसे लगा कि उस छात्र के पिछले अंकों में ही गड़बड़ है। फिर भी अधीक्षक महोदया ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की और कुवि प्रवक्ता से अंकतालिका को मंगाकर उसे कैंसल करना ही उचित समझा। जबकि उन्होंने इसकी जांच की कोई कार्रवाई शुरू नहीं की। इस बारे में भेद तब खुला जब अधिकारियों को शिकायत मिली और उन्होंने जांच कमेटी गठित कर कार्य शुरू कर दिया। परीक्षा शाखा की अधीक्षक चांद रानी ने इस मामले में कमेटी को यह सब लिख कर दिया है।कुवि प्रवक्ता ने छात्र की ओर से लिखा पत्र 
इस मामले में जांच कमेटी को पता चला है उक्त छात्र सचिन राणा की अंकतालिका जारी कराने के लिए कुवि प्रवक्ता देवेंद्र सचदेवा ने पत्र लिखा था। उन्हीं ने ही अंकतालिका को रिसीव भी किया है। जांच कमेटी को भेजे जवाब में अधीक्षक चांद रानी ने दबाव में आकर अंकतालिका बनाने की बात कबूल की है। उनकी इस बात पर शक होता है कि दबाव में बनाई या अपनी लापरवाही के कारण, क्योंकि प्रवक्ता अधीक्षक के बराबर के ही अधिकारी हैं ऐसे में उनका दबाव कैसे हो सकता है। 
दोषी मिलने पर होगी कार्रवाई : परीक्षा नियंत्रक 
कुवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुकम सिंह का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रिजल्ट में पहले की गई है छेड़छाड़ 
अधीक्षक की ओर से जांच कमेटी को भेजे पत्र में साफ है कि यह मामला इस समय के साथ ही रिजल्ट सीट में पहले भी छेड़छाड़ करने का है। छात्र को वर्ष 2011 में द्वितीय वर्ष की अंकतालिका जारी की गई है। जांच कमेटी को लिखे पत्र में अधीक्षक ने माना है कि इस बार बदले गए रिजल्ट से पहले के रिजल्ट में ही गड़बड़ उसे नजर आई थी।                                                        dj

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