कुरुक्षेत्र : नेशनल ग्रीन टिब्यूनल ने अनिवार्य पर्यावरण विषय के शिक्षकों की नियुक्ति न करने पर यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यूजीसी, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद एआईसीटीई, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, हरियाणा, पंजाब, गोवा, मिजोरम, चंडीगढ़ व दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने इन सभी को 14 फरवरी 2014 को एनजीटी में तलब किया है। ग्रीन अर्थ संस्था के सदस्य नरेश भारद्वाज ने बताया कि मैग्सेसे पुरस्कार विजेता डॉ. एमसी मेहता ने कॉलेज व यूनिवर्सिटी में पर्यावरण शिक्षा के पात्र अध्यापकों की नियुक्तिन करने को लेकर एनजीटी में याचिका दायर की थी। याचिका में इस विषय को पढ़ाने के लिए यूजीसी नियमानुसार 2014 से सभी कॉलेजों व यूनिवर्सिटी में स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर पर पात्र शिक्षकों की नियुक्ति करने का आदेश देने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार यूजीसी ने 2004-05 के शैक्षणिक सत्र से सभी कॉलेजों व यूनिवर्सिटी में स्नातक स्तर पर पर्यावरण शिक्षा को अनिवार्य विषय के तौर पर लागू किया था। हरियाणा सहित तमाम राज्यों में इस विषय को अनिवार्य तो बना दिया गया लेकिन 10 वर्ष बीतने के बावजूद योग्य शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई। नरेश भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने सूचना के अधिकार कानून के तहत इस मामले को लेकर जानकारी मांगी थी, जिसमें खुलासा हुआ था कि पर्यावरण विषय के लिए योग्य शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सरकार गंभीर नहीं है। पर्यावरण विषय को पढ़ाने की जिम्मेदारी हिंदी, संस्कृत, पंजाबी, अंग्रेजी, शारीरिक शिक्षा, राजनीति शास्त्र, इतिहास, गणित और होम साइंस के शिक्षकों को सौंपी हुई है। db
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