शिक्षा विभाग स्कूलों में समय पर किताबें न पहुंचा पाने के कलंक को मिटाने में जुटा हुआ है। विभाग इस बार स्कूलों में समय पर किताबें पहुंचाने के लिए जी जान से लगा हुआ है। अभी वर्तमान सत्र को पूरा होने में करीब डेढ़ महीना बचा हुआ है। उधर विभाग ने अभी से ही सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से उनके जिले का रूट चार्ट व संबंधित अधिकारियों के कॉन्टेक्ट नंबर भेजने का आदेश दिया है।
वर्तमान सत्र हालात यह थे कि दिसंबर तक काफी स्कूलों में पुस्तकें नहीं पहुंच सकी थी। आखिरकार स्कूलों ने छात्रों को पुरानी पुस्तकें देनी पड़ी। सत्र 2013-14 में पुस्तकों को स्कूलों तक भिजवाने का जिम्मा एसएसए से लेकर शिक्षा बोर्ड को दिया गया था, ताकि छात्रों को समय पर पुस्तकें मिल सकें। मगर शिक्षा विभाग भी इसमें पूरी तरह असफल रहा। बोर्ड ने मुंबई व नोएडा की दो कंपनियों को पुस्तकों की छपाई का काम सौंपा। ज्यादा टाइटल मुंबई की कंपनी को दिए गए। मगर यह कंपनी समय पर पुस्तकों की सप्लाई नहीं कर सकी। इस बार शिक्षा विभाग ने कुछ फेरबदल किए। मसलन सत्र 2013-14 में दो कंपनियों को ही सभी टाइटल की छपाई का जिम्मा सौंपा गया। उनमें से भी एक कंपनी काफी दूर थी, जिससे संपर्क करने में भी दिक्कत आ रही थी। इसे देखते हुए इस बार विभाग ने कई कंपनियों को यह जिम्मेदारी दी और सभी को थोड़े थोड़े टाइटल दिए गए। dbhsr
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