** नई दिल्ली में महाआक्रोश रैली करने के बाद जंतर-मंतर पर ही डाला डेरा
चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बीते आठ वर्षो से कार्यरत अतिथि अध्यापकों ने पक्का होने के लिए आर-पार की लड़ाई शुरू कर दी है। लगभग पांच हजार अतिथि अध्यापकों ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर महाआक्रोश रैली निकाली। गेस्ट टीचर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को नियमितीकरण की मांग की याद दिलाने के लिए ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन कड़े सुरक्षा इंतजाम के कारण वे इसमें सफल नहीं हो पाए। सुबह लगभग बारह बजे जंतर-मंतर पहुंचे गेस्ट टीचरों ने सायं चार बजे तक धरना दिया व इसके बाद राहुल गांधी को ज्ञापन देने के लिए रवाना हुए। एक किलोमीटर जाने के बाद ही पुलिस ने उन्हें रोक दिया। दो घंटे गेस्ट टीचर ने यहीं पर रोष प्रदर्शन किया।
इसके बाद वे वापस जंतर-मंतर लौट आए। प्रदेश सरकार व राहुल गांधी से खफा गेस्ट टीचर ने जंतर-मंतर पर ही डेरा डाल दिया है। रविवार सुबह दस बजे नियमितीकरण की मांग को लेकर 11 गेस्ट टीचर आमरण अनशन शुरू करेंगे। चार महिला शिक्षकों ने भी अनशन पर बैठने का निर्णय लिया है।
हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के संयोजक राजेंद्र शास्त्री व धर्मवीर कौशिक ने बताया कि बीते आठ वर्षो से वे स्कूलों में निरंतर सेवाएं दे रहे हैं। पंद्रह हजार से अधिक गेस्ट टीचर इस समय स्कूलों में कार्यरत हैं। इनमें से अधिकांश चालीस वर्ष की आयु पार कर चुके हैं और अब किसी सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकते। सरकार से वे कई बार पक्का करने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा आज तक कुछ नहीं मिला। dj
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