चंडीगढ़ : कर्मचारी आंदोलनों से जूझ रही प्रदेश सरकार का रविवार से एक और आंदोलन से पाला पड़ेगा। अब पात्र अध्यापक 16 फरवरी से पंचकूला स्थित शिक्षा निदेशालय पर अनशन शुरू करेंगे।
शिक्षक भर्ती का रिजल्ट जल्द घोषित करने व टीजीटी भर्ती की मांग कर रहे पात्र अध्यापकों को लोकसभा चुनावों के लिए आचार संहिता लागू होने के बाद भर्ती लटकने का डर सता रहा है। पात्र अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने बताया कि शिक्षक भर्ती के लिए वर्ष 2011 से पात्र अध्यापक संघर्ष कर रहे हैं। 3 साल का समय बीत चुका है। अब भर्ती संबंधी सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है लेकिन भर्ती बोर्ड रिजल्ट घोषित नहीं कर रहा। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की भी अवमानना है। 30 मार्च 2012 को सर्वोच्च न्यायालय ने 322 दिन में नियुक्तियां करने के आदेश दिए थे। उन्होंने बताया कि 3 साल पहले 30 मार्च 2011 को हाईकोर्ट ने दिसंबर 2011 तक भर्ती पूरी करने के आदेश दिए थे लेकिन तय समय अवधि में सरकार ने भर्ती शुरू नहीं की। 20 मार्च 2012 को हाईकोर्ट ने फिर सरकार को 322 दिन का समय भर्ती लिए दिया। सुप्रीम कोर्ट ने भी 30 मार्च 2012 को दिए अपने आदेश में साफ कहा था कि हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित 322 दिन की तय अवधि में ही भर्ती पूरी की जाए लेकिन अभी तक सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं हुआ है। संघ के उपाध्यक्ष प्रेम अहलावत ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए अतिथि अध्यापकों जल्द हटाए। अतिथि अध्यापक आमरण अनशन कर सरकार पर बेवजह दवाब बना रहे हैं जो गलत है। dj
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