रेवाड़ी : शिक्षकों ने मूल्यांकन परीक्षा का सीधे तौर पर विरोध शुरू कर दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि किसी भी सूरत में शिक्षकों की मूल्यांकन परीक्षा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फिर भी यदि विभाग ने परीक्षा कराने की जिद नहीं छोड़ी तो कोई भी शिक्षक परीक्षा में ही नहीं बैठेगा। बुधवार को राजकीय प्राथमिक संघ की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के दौरान परीक्षा का जमकर विरोध जताया गया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संघ के जिला प्रधान चंद्रहास ने कहा कि विभाग द्वारा 29 मई को शिक्षकों का मूल्यांकन टेस्ट लिए जाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षा आयोजन करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से स्पष्ट उद्देश्य तक भी जारी नहीं किए गए हैं। इसलिए शिक्षक संघ इसका पूरी तरह विरोध करता है, फिर भी विभाग ने ये आदेश वापस नहीं लिए तो शिक्षक परीक्षा में ही नहीं बैठेंगे।
सरकार को भेजा पत्र :
परीक्षा को रद्द किए जाने की मांग को लेकर संघ की ओर से सरकार को भी पत्र लिखा है। पत्र में शिक्षकों ने साफ कर दिया है कि यदि यह परीक्षा हुई तो वे इसमें शामिल नहीं होंगे। महासचिव संदीप यादव ने कहा कि विभाग शिक्षकों के लिए परीक्षा का आयोजन कर खुद के ही नियमों का उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने कहा नियम के अनुसार शिक्षकों के लिए हर वर्ष प्रशिक्षण शिविर लगाए जाने चाहिए, लेकिन किसी भी प्रकार की परीक्षा नहीं ली जाएगी। इसके बाद शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने की तैयारी
शिक्षकों ने कहा कि यह टेस्ट एक निजी एनजीओ द्वारा लिया जा रहा है। इससे शिक्षा को निजी हाथों में सौंपने की सरकार की मंशा नजर आ रही है। वहीं इससे लग रहा है कि यह टेस्ट किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग नए-नए प्रयोग कर बच्चों की पढ़ाई का समय बर्बाद कर रहा है। उन्होंने कहा कि यदि विभागों में योग्यता के आधार पर ज्वाइनिंग के बाद भी परीक्षाएं जरूरी हैं तो फिर अन्य विभागों में क्यों लागू नहीं की जाती। इस मौके पर बड़ी संख्या में शिक्षकों ने परीक्षा का एकसुर में विरोध किया।
अध्यापक संघ भी उतरा विरोध में
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने भी विभाग द्वारा कराई जा रही शिक्षक मूल्यांकन परीक्षा का कड़ा विरोध जताया है। संघ के राज्य उप प्रधान महावीर सिंह के नेतृत्व में अध्यापकों ने जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा। उप प्रधान ने कहा कि शिक्षकों की मूल्यांकन परीक्षा को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए। उन्होंने कहा कि इस परीक्षा के उद्देश्य व लक्ष्य तक भी विभाग ने सार्वजनिक नहीं किए हैँ। जिला प्रधान नवरत्न व सचिव सत्यपाल यादव सहित अन्य अध्यापकों ने परीक्षा को रद्द किए जाने की मांग की। साथ ही उन्होंने अन्य मांगें भी दोहराई। इनमें कक्षा 1 से 5, 6 से 8 व 9 से 12 में रेशनेलाइजेशन व्यवहारिक तथा शिक्षा अधिकार कानून व अन्य शिक्षा आयोगों अनुसार किया जाए, रेशनेलाइजेशन कार्य से पहले अध्यापकों के सभी वर्गों की पदोन्नति सूचियां जारी की जाएं, अंतर जिला व सामान्य स्थानांतरण नीति जारी कर स्थानांतरण किए जाएं, अतिथि अध्यापकों को नियमित किया जाए सहित अन्य मांगें रखीं। db
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