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Friday, 23 May 2014

शिक्षकों के विरोध को सहमति में बदलने का किया जा रहा प्रयास

शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित किए जाने वाले ‘टीचर नीड असेसमेंट’ (टीएनए) कार्यक्रम के खिलाफ प्रदेशभर में उठ रहे विरोध के स्वर को कम करने के लिए अब शिक्षा विभाग ने अध्यापकों में जागरूकता के लिए प्लान बनाया है। प्रदेश के प्रत्येक जिला और स्कूल में शिक्षा विभाग की ओर से ‘फ्रीक्यूंटली आस्कड क्योशचन’ पत्र भेजा जा रहा है जिसमें विस्तार से बताया गया है कि आखिर टीएनए है क्या और इसके क्या लाभ हैं। 
शिक्षा विभाग की ओर से अध्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी, रोचक और स्वीकार्य बनाने के लिए टीएनए कार्यक्रम चलाने का फैसला लिया है। लेकिन प्रदेश भर के अध्यापकों में भ्रम है कि विभाग की ओर से परीक्षा आयोजित की जा रही है जिसमें फेल होने पर अध्यापकों पर कार्रवाई हो सकती है। इसलिए अध्यापकों ने एकत्र होकर इस टेस्ट का विरोध करना शुरू कर दिया है। लेकिन अब शिक्षा विभाग ने इस कार्यक्रम के संबंध में जेहन में आने वाले आम प्रश्नों को लेकर एक समाधान पत्र जारी किया है। इसमें बताया गया है कि आखिर इस कार्यक्रम है क्या और इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी। क्या इसके बाद अध्यापकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। अब इसके माध्यम से शिक्षा विभाग के अधिकारी अध्यापकों को समझाने का प्रयास करेंगे ताकि सभी अध्यापक इस कार्यक्रम में हिस्सा लें।                                              dj

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