चंडीगढ़ : मौलिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के एसीपी मामलों की जांच अब जिला स्तर पर ही होगी। एसीपी के लिए शिक्षकों की सेवा पंजिका और निजी मिसल को शिक्षा निदेशालय नहीं भेजा जाएगा। केवल फाइल ही निदेशालय को भेजनी होगी। मौलिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को 12 अगस्त को निर्देश जारी कर दिए हैं। मौलिक शिक्षा निदेशक पंकज अग्रवाल व हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के बीच बीते महीने हुई वार्ता में यह निर्णय लिया गया था, जिसे अब व्यावहारिक तौर पर लागू किया गया है। अध्यापक संघ के महासचिव सीएन भारती व कोषाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि निदेशालय ने सभी प्रकार के ऋण व अग्रिम स्वीकृति, एसीपी, चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल को वरिष्ठता के आधार पर स्वीकृत करने, खंड 2011-15 की देय एलटीसी के लिए एक से 5 स्कीम में 40 करोड़ 50 लाख व 6 से 8 स्कीम में 40 करोड़ 50 लाख एवं कार्यालयों में कार्यरत स्टाफ के लिए 89 लाख रुपये की राशि भी जारी की है। उन्होंने बताया कि संघ पदाधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त सुरीना राजन से भी मिला। संघ के सुझाव अनुसार नवनियुक्त प्राध्यापकों की एक महीने की इंडक्शन ट्रेनिंग को अलग-अलग हिस्सों में करने का निर्णय लिया गया है। अब यह टेनिंग अधिकतम 10-10 दिन की होगी। इसके छुट्टियों में होने पर अर्जित अवकाश दिए जाएंगे। अन्य शैक्षणिक मुद्दों पर बातचीत करने के लिए वित्तायुक्त ने निदेशक एससीईआरटी को अधिकृत किया है। dj
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