** 8 से 11 माह तक का करीब 2200 शिक्षकों व गैर शिक्षकों का वेतन अटका
** अब परिवार चलाने का आर्थिक संकट
करनाल : सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों की लापरवाही व लेटलतीफी के चलते प्रदेशभर के एडिड स्कूल शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए आई 26 करोड़ रुपये की ग्रांट लैप्स हो गई है, लिहाजा अब प्रदेशभर के 204 एडिड स्कूलों के शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारियों के सामने परिवार चलाने का आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। हालात यह हैं कि प्रदेशभर में लगभग हर एडिड स्कूल में कार्यरत कर्मचारी को पिछले करीब 6 माह से वेतन नहीं मिला है। इसके अलावा कुछ ऐसे भी विद्यालय हैं जहां पिछले 8, 9, 10 और 11 माह से वेतन नहीं मिल पाया है।
दरअसल डायरेक्टर सेकेंडरी एजुकेशन हरियाणा की ओर से प्रदेशभर के एडिड स्कूलों के लिए 28 मार्च को 26 करोड़ रुपये की ग्रांट भेजी गई थी। यह ग्रांट साल में चार बार क्वार्टरली भेजी जाती है। इस बार तीसरी ग्रांट कम भेजी गई थीं और चौथी ग्रांट मार्च माह में आनी थी, जोकि अधिकारियों की लापरवाही के चलते लैप्स हो गई। अब एक बार फिर से पुरानी संपूर्ण प्रक्रिया से गुजरकर यह राशि आएगी। इसमें एक माह तक का समय लग सकता है।
क्यों लैप्स हुई राशि
दरअसल शिक्षा निदेशालय सरकार से अप्रूवल लेकर सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को ऑनलाइन ट्रेजरी के माध्यम से राशि भेजता है, लेकिन ट्रेजरी अधिकारी को 25 से 50 लाख से अधिक राशि होने पर वित्तीय विभाग से स्पेशल अप्रूवल लेनी पड़ती है, जोकि नहीं ली जा सकी। नियमानुसार जो राशि 31 मार्च तक नहीं निकलती उसे वापस भेज दिया जाता है।
"मुझे इस बारे में अधिक जानकारी नहीं है। मैं अभी 15 दिनों के अवकाश पर हूं। करोड़ों रुपये की यह राशि क्यों लैप्स हुई कार्यालय से जानकारी मिल सकती है।"-- एमएल कौशिक, निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग, पंचकूला
"जब तक एडिड स्कूलों का सरकार टेकओवर नहीं करती, तब तक समस्याएं बरकार रहेंगी। जल्द से जल्द लैप्स हुई 26 करोड़ रुपये राशि नहीं आई तो एडिड स्कूल कर्मचारी व उनके परिवार भूखे मर जाएंगे। भाजपा ने आश्वासन दिया था कि सत्ता में आते ही सभी एडिड स्कूलों को टेकओवर कर लिया जाएगा, लेकिन इस पर अभी तक कोई काम नहीं हुआ।"-- एनएन तिवारी, प्रदेश महासचिव, एडिड स्कूल संघ। au
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.