नांगल चौधरी : सर्वशिक्षा अभियान के तहत पिछले साल ड्रॉप आउट विद्यार्थियों के दाखिले किए गए थे। दाखिले के बाद कुछ एक बच्चे बिना सूचना के स्कूल छोड़ गए। नियमानुसार परीक्षा में अनुपस्थित विद्यार्थियों को उर्त्तीण करना संभव नहीं है। इधर आरटीए के तहत पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को अगली श्रेणी में प्रमोट करना होगा। दोहरे मापदंडों के चलते विभिन्न स्कूल मुखियाओं की दुविधा बढ़ गई है।
अध्यापकों ने घर-घर जाकर ड्रॉप आउट बच्चों के दाखिले किए। जिन्हें स्कूल ड्रेस, बैग, जूते पाठ्य सामाग्री मुहैया करवाई गई। इसके बाद अधिकांश ड्रॉप आउट बच्चे स्कूल छोड़ गए। इधर रजिस्टर में उनका दाखिला चलता रहा, लेकिन परीक्षा के दौरान अनुपस्थित रहने के कारण स्कूल प्राचार्यों की परेशानी बढ़ गई। नियमानुसार अनुपस्थित बच्चों को उर्त्तीण करना संभव नहीं। दूसरी ओर आरटीए के तहत सभी विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट करना होगा। इसी कशमकश के चलते अनुपस्थित बच्चों का परीक्षा परिणाम रोक लिया गया। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी को रिपोर्ट भेजकर मार्गदर्शन मांगा है।
आरटीई ने घटाया शिक्षा का स्तर :
अभिभावकों ने बताया कि सरकारी द्वारा पारित आरटीए विधेयक के तहत आठवीं कक्षा तक विद्यार्थियों को उर्त्तीण कर दिया गया। अधिकांश विद्यार्थियों को शुद्ध हिंदी पढ़ना एवं लिखना नहीं आता। db
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