** यूजीसी ने शोध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किया संशोधन
** अब सीपीएड वाला नहीं कर सकेगा बीपीएड, ग्रेजुएशन ही होगा आधार
रोहतक : एमडीयू से एमफिल करने वाले विद्यार्थियों को अब डेढ़ साल तक पढ़ाई करनी होगी। अभी तक एक साल की एमफिल होने के चलते शोध को गुणवत्ता नहीं मिल पा रही थी और ही नए विषयों पर शोध निकलकर सामने पा रहे थे, लेकिन अब यूजीसी की ओर से इसका नया प्रारूप तैयार कर शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने की योजना बना ली गई है। इसी तरह से ग्रेजुएशन के आधार पर होने वाले बीपीएड के कोर्स को भी दो साल का कर दिया गया है। यह फैसला बुधवार को एमडीयू में शारीरिक शिक्षा विभाग की पीजी बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में लिया गया है। इस बैठक की अध्यक्षता बोर्ड के चेयरमैन एवं शारीरिक शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रो. कुलताज सिंह ने की। बैठक में विशेष तौर पर प्रो. भगत सिंह, प्रो. आरपी गर्ग कुरुक्षेत्र विवि से बोर्ड की सदस्य प्रो. ऊषा लोहान शामिल रही।
यूजीसी द्वारा इन पर एक्सपर्ट की राय के बाद संशोधन करते हुए 5 जुलाई 2014 के यूजीसी गजट नोटिफिकेशन के तहत फैसला लिया गया है। इस संदर्भ में यूजीसी सचिव प्रो. जसपाल एस संधु ने पत्र लिखकर विश्वविद्यालय को संशोधन के तहत नियमों को अमलीजामा पहनाने के आदेश जारी किए हैं।
यूजीसी की नई गाइडलाइन : सिंह
"एमडीयू के शारीरिक शिक्षा विभाग में यूजीसी की नई गाइडलाइन के आधार पर पीजी बोर्ड ऑफ स्टडीज ने फैसला लिया है। एमफिल बीपीएड की समयावधि बढ़ाने के फैसले के बाद अब शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जाएगा।"-- प्रो. कुलताज सिंह, विभागाध्यक्ष, शारीरिक शिक्षा विभाग, रोहतक।
विवि के इन कोर्स के भी बदलेंगे नियम
इतना ही नहीं एमडीयू के अन्य विभागों की बात करें तो अब सेक्शन 22 के यूजीसी एक्ट 1956 के तहत नए संशोधन किए गए हैं। इसके तहत अब बीजेएमसी कोर्स का नाम बीए जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, एमजेएमसी का नाम एमए जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, बीएचएम, एमएचएम, बीटीएम एमटीएम की फुल फार्म लिखनी होगी, एमपीएड के एक साल के कोर्स के लिए बीपीएड करनी जरूरी होगी। बीपीएड के लिए बीए होना जरूरी होगा। पहले सीपीएड वाला भी कर सकता था। अब ऐसा नहीं होगा। db
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.