सनौली : शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान करने के दावे करता है। वहीं, विभाग के सारे दावे उस समय फेल हो जाते हैं, जब आठवीं कक्षा पास कर चुके विद्यार्थी को अक्षर, शब्द, स्पेलिंग आदि की बेसिक जानकारी हो। स्थिति ये है कि विद्यार्थी को सप्ताह के नाम और हिंदी में गाय का प्रस्ताव तक लिखना नहीं आता। ऐसा ही मामला गुरुवार को खंड शिक्षा कार्यालय में देखने को मिला। जब जलमाणा गांव स्थित सरकारी स्कूल का एक विद्यार्थी आठवीं पास का स्थानातंरण प्रमाण पत्र पर खंड शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर करवाने के लिए पहुंचा। उस पर हस्ताक्षर करने से पहले अधिकारी ने बच्चे से सप्ताह के दिन और हिंदी में गाय का प्रस्ताव लिखने के लिए कह दिया। वहीं, बच्चा इसे ठीक से लिख नहीं पाया।
गांव जलमाणा स्थित राजकीय मिडिल स्कूल का एक छात्र आठवीं पास कर चुका था। स्कूल प्राचार्य ने भी बच्चे काे आठवीं पास होने पर स्थानांतरण प्रमाण पत्र दे दिया और बापौली स्थित खंड शिक्षा कार्यालय में हस्ताक्षर के लिए भेज दिया। छात्र अपने पिता के साथ वहां पहुंचा तो अधिकारी ने बच्चे से पूछा कि आठवीं पास हो गई। उसने बिना कहा हां हो गई। तभी अधिकारी ने बच्चे से स्कूल में क्या सीखा जाने की कोशिश की और उससे सप्ताह के दिन और गाय का प्रस्ताव लिखने के लिए कागज पेन दिया। करीब आधे घंटे बीत जाने तक बच्चे ने जो भी लिखा वो बिल्कुल गलत था। बच्चे की जीरो नॉलेज देख शिक्षा अधिकारी ने मौके पर ही स्कूल प्राचार्य को बुलाया और फटकार लगाई।
इस संदर्भ में बीईओ रमेश कुमार ने बताया कि जलमाणा के राजकीय मिडिल स्कूल का एक बच्चा प्रमाण पत्र लेकर आया था। पढ़ाई का स्तर जानने के लिए बच्चे का नाममात्र टेस्ट लिया गया, लेकिन उसको कुछ नहीं आता था। उन्होंने बताया कि जो प्राचार्य आठवीं पास बच्चों के प्रमाण पत्र काटकर दे रहे हैं और उसको तीसरी कक्षा तक नॉलेज नहीं है। ऐसे स्कूल मुखिया के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। dbpnpt
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