शनिवार को सीएम खट्टर की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। सीएम ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। डॉक्टरों के खाली पदों को भरने के लिए सरकार ने चिकित्सा अधिकारियों (ग्रुप क) के पदों को हरियाणा लोकसेवा आयोग के क्षेत्र से बाहर निकालने का फैसला लिया है।
अब इन पदों पर विभागीय उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति के माध्यम से भर्ती होगी। प्रदेश में वर्तमान में क्लास-वन चिकित्सा अधिकारियों के 500 से अधिक पद खाली हैं। इन्हें जल्द से जल्द भरने के लिए सरकार ने इन पदों को आयोग के दायरे से बाहर निकाला है। याद रहे कि प्रदेश में चिकित्सा अधिकारियों (ग्रुप ख) के पदों की भर्ती 2008 से ही विभागीय उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति के माध्यम से की जा रही है। एचपीएससी की भर्ती प्रक्रिया लम्बी होने और उसमें अधिक समय लगने की वजह से सरकार ने अब क्लास-वन चिकित्सा अधिकारियों के पदों के लिए भी सीधी भर्ती को हरी झंडी दी है। मंत्रिमंडल ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में जल वैज्ञानिक एवं भू-भौतिकीविज्ञ (ग्रुप ख) सेवाएं-2012 के सेवा नियमों में संशोधन की भी मंजूरी दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नियम-2015 में मौखिक परीक्षा के अंक 200 से घटा कर 100 किए हैं।
44,000 पदों पर होनी है भर्ती
हरियाणा में विभिन्न विभागों में लगभग 44 हजार पदों के लिए भर्ती होनी है। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सभी विभागों में खाली पड़े पदों का ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। इसके बाद सरकार इन पदों पर भर्ती के लिए आयोग को लिखेगी।
2 भागों में होगी लिखित परीक्षा
लिखित परीक्षा 2 भागों में विभाजित होगी। इसमें 88 प्रतिशत सामान्य ज्ञान, रीजनिंग, गणित, विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी के अलावा हरियाणा का इतिहास, भूगोल एवं संस्कृति के विषय शामिल होंगे। dt
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