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Wednesday, 6 May 2015

पीजी टीचरों के वेतन पर संकट

** शिक्षा विभाग ने स्कूलों में भेजा फरमान, प्लान स्कीम बजट से जारी न किया जाए वेतन
** हुड्डा सरकार ने चुनाव से पहले सूबे में की थी सवा चार हजार से शिक्षकों की भर्ती
** अब शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों का वेतन प्लान स्कीम बजट से बाहर किया
** नई राज्य सरकार ने टीचरों की भर्ती पर ही लगा रखा प्रश्‍नचिन्ह
अंबाला सिटी : सूबे में गेस्ट टीचरों की भर्ती का विवाद अभी थम नहीं रहा है, वहीं दूसरी ओर हरियाणा शिक्षा विभाग ने पिछले साल भर्ती किए गए पोस्ट ग्रेजुएट टीचरों (पीजीटी) के वजूद पर भी सवाल खड़ा कर दिया है। इन शिक्षकों को पिछले साल हुड्डा सरकार के कार्यकाल में चुनाव से पहले रखा गया था।
लेकिन अब करीबन एक साल गुजरने के बाद शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में खंड शिक्षा अधिकारियों के मार्फत ये निर्देश भिजवा दिए हैं कि इन पीजी टीचरों का वेतन स्कीम प्लान बजट के तहत न दिया जाए। जबकि अभी तक इन पीजी टीचरों का वेतन विभाग की प्लान स्कीम बजट के तहत ही दिया जाता था। 
बता दें कि विभाग इसी बजट के तहत रेगुलर सरकारी शिक्षकों का वेतन जारी करता है। लेकिन अब मई के बाद से इस बजट के अंतर्गत पीजी शिक्षकों का वेतन जारी नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में करीबन सवा चार हजार पीजी टीचर लगाए गए थे, जिसमें से साढ़े चार सौ के करीबन अंबाला जिले में भी हैं। अब वेतन अटकने से इनको परेशानी हो रही है।
कहां से मिलेगा वेतन? शिक्षकों में हड़कंप
मंगलवार को ये तमाम निर्देश खंड शिक्षा अधिकारियों के जरिए सभी हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में पहुंच गए। इन निर्देशों की जानकारी मिलते ही सरकारी स्कूलों के पीजी शिक्षकों में हड़कंप की स्थिति बन गई। क्योंकि इन निर्देशों में ये स्पष्ट लिखा था कि पीजी टीचरों का वेतन प्लान स्कीम बजट से न निकाला जाए। इन निर्देशों के साथ-साथ सरकारी स्कूलों में तैनान विभिन्न विषयों के टीचरों के नाम भी संलग्न किए गए हैं। जिनका वेतन प्लान स्कीम के तहत बंद किया जाना है। मगर इन निर्देशाें में ये स्पष्ट नहीं किया गया है कि शिक्षकों का वेतन कहां से जारी किया जाएगा? इसी बात को लेकर अंबाला के सैंकड़ों पीजी टीचरों में जबरदस्त रोष व्याप्त हो गया है। 
शाम तक शिक्षकों इस बारे में जानकारी जुटाने के लिए जिला शिक्षा विभाग से संपर्क करते रहे, मगर वहां से भी उन्हे संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसलिए शिक्षकों में भारी रोष के साथ-साथ ये संशय बन गया है कि भविष्य में उन्हे वेतन कहां से मिलेगा। 
उधर, पीजी टीचरों का यह भी कहना है कि ये नियुक्ति कोर्ट के निर्देशों पर हुई थी और पूरी तरह निष्पक्षता के साथ हुई थी। सभी टीचर एचटेट परीक्षा भी पास है। स्क्रूटनी मैरिट बेस पर थी और इंटरव्यू भी उचित था। इसलिए उनकी नियुक्ति को सवालों के घेरे में देखना उचित नहीं होगा।
बिना लिखित परीक्षा हुई थी भर्ती
विभागीय सूत्रों की यदि मानें तो हरियाणा सरकार इन टीचरों की नियुक्तियों को भी सवालों के घेरे में रखे हुए हैं। क्याेंकि ये नियुक्ति हुड्डा सरकार के कार्यकाल में चुनावों से पहले हुई थी। दूसरा, इन नियुक्तियों के दौरान किसी प्रकार की लिखित परीक्षा नहीं ली गई थी। केवल स्क्रूटनी और इंटरव्यू को ही भर्ती का आधार बनाया गया था। विभागीय सूत्र बताते हैं कि इसीलिए विभाग चाहता है कि इन शिक्षकों को प्लान स्कीम से हटाकर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के अंतर्गत कर दिया जाए। मगर पीजी टीचरों की माने तो रमसा, सर्व शिक्षा अभियान की तरह एक अभियान है, जिसकी समय सीमा तय है। इसलिए यदि पीजी टीचर रमसा अभियान के अंतर्गत लाए जाते हैं तो इस अभियान की समय सीमा पूरी होने पर इन टीचरों का क्या होगा? पीजी टीचरों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें शिक्षा विभाग प्लान स्कीम के अंतर्गत ही रखते हुए वेतन जारी करें।
"इस बारे में जो भी निर्देश होंगे, वो स्कूलों में पहुंच गए होंगे। मैं किसी जांच में व्यस्त था, इसलिए इस बारे में ज्यादा नहीं बता पाऊंगा। सरकार के जैसे भी निर्देश होंगे, वो सभी को मान्य होंगे।"-- अनिल कुमार ढाला, खंड शिक्षा अधिकारी, अंबाला।                                                                au

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