** आंदोलन का दूसरा दिन : शिक्षक बोले- इस बार गेस्ट शब्द हटवाकर ही करनाल से लौटेंगे
करनाल : नौकरी बचाने की जुगत में जुटे गेस्ट टीचरों ने शनिवार को सरकार के खिलाफ विरोध का अनूठा तरीका अपनाया। 101 गेस्ट टीचरों ने सिर मुंडवा कर उस पर लिखा, 'हमें पक्का करो।' इससे पहले पात्र अध्यापक ऐसा ही अनूठा तरीका पंचकूला में शिक्षा सदन के बाहर अपना चुके हैं।
गेस्ट टीचर शुक्रवार से "रोजगार बचाओ, वादा निभाओ' महारैली के तहत करनाल में डेरा डाले बैठे हैं। सरकार की ओर से बातचीत का कोई आमंत्रण नहीं मिला है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई 11 मई को है। सरकार 4,073 गेस्ट टीचरों को सरप्लस बता चुकी है।
दिलचस्प है कि धरना स्थल पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ तो नारे लगाए ही, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी नहीं बख्शा। अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री ने कहा कि हुड्डा ने गेस्ट टीचरों को पक्का करने की जुबान दी थी, लेकिन उसे पूरा नहीं किया। शास्त्री ने सरकार को चेताया कि अब वे अपने टीचर नाम के आगे से गेस्ट शब्द हटवाकर ही करनाल से लौटेंगे। पिछले दिनों शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता ने कहा था कि गेस्ट टीचर मेहमान बनकर आए थे, अब मेहमान बनकर ही जाएंगे।
गेस्ट टीचरों के लिए बीच का रास्ता निकालेंगे : रामबिलास
मरते दम तक गेस्ट टीचरों से किए वादे को निभाने का दम भरने वाले शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के सुर कुछ बदल रहे हैं। शनिवार को रोहतक में पत्रकारों से बातचीत में शर्मा बोले, "गेस्ट टीचरों की नियुक्तियों में धांधली सामने आई है, लेकिन हम बीच का रास्ता निकालेंगे।'
बेहोश हो गई शिक्षिका :
महापड़ाव में शामिल गेस्ट टीचरों पर ज्येष्ठ माह की तपती धूप लू ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। दूसरे दिन नरेश कुमार हिसार, कुलदीप झरोली बबली हिसार सहित चार टीचरों की तबीयत बिगड़ी। बबली तो बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ीं। उसे इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर में लाया गया, जहां उपचार देने पर उनकी तबीयत में सुधार है।
लेट नाइट : प्रदर्शन स्थल पर ही सो गए
सेक्टर-12 की संडे मार्केट ग्राउंड में जुटे गेस्ट टीचर शनिवार को दिनभर धरने पर बैठे रहे। इस दाैरान दिनभर में अलग-अलग समय पर जिला प्रधान ने गेस्ट टीचरों को संबोधित किया। गर्मी से बचने के लिए अपने स्तर पर जनरेटर किराए पर लेकर पंखों का इंतजाम किय गया। बाहरी मदद भी मिल रही है। शनिवार को उनके लिए पानी का प्रबंध बाहर से एक कंपनी द्वारा किया गया। खाने आदि के लिए वे निर्मल कुटिया का सहारा ले रहे हैं। रात होते-होते दिनभर के थके-हारे गेस्ट टीचर पंडाल में ही लेटना शुरू हो जाते हैं और वहीं सो जाते हैं। हालांकि कुछ निर्मल कुटिया में तो कुछ करनाल में इधर-उधर अपने रिश्तेदारों के यहां सोने चले जाते हैं। शनिवार को पंडाल में बच्चे दिखाई नहीं दिए। db
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