चंडीगढ़ : मनोहर सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों के जर्जर ढांचे का कायाकल्प करने जा रही है। वित्त विभाग ने जिलों में खस्ताहाल स्थिति में चल रहे स्कूल भवनों की हालत सुधारने के लिए करोड़ों रुपये का बजट जारी कर दिया है। प्लान बजट से जारी की गई राशि खर्च करने के बाद स्कूलों को शिक्षा निदेशालय को फंड का उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजना होगा। प्रमाण पत्र न भेजने की स्थिति में सरकार संबंधित स्कूल को आगामी बजट जारी नहीं करेगी। जिला शिक्षा अधिकारियों की निगरानी में नए भवनों के निर्माण के साथ ही मरम्मत कार्य को अंजाम दिया जाएगा। लोक निर्माण विभाग के मापदंडों का स्कूल प्रशासन को पालन करना अनिवार्य है।
प्रदेश के अनेक जिलों में वर्तमान स्कूलों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। सालों से मरम्मत कार्य न होने के कारण कई सरकारी स्कूल ढहने की कगार पर हैं। अनेक स्कूल ऐसे भी हैं, जिनमें बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। उधार के भवनों में कक्षाएं लगानी पड़ रही हैं। स्कूल प्रशासन लंबे समय से भवनों की स्थिति ठीक करने के लिए शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को लंबे समय से पत्र लिख रहे थे। सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के साथ ही स्कूलों की स्थिति भी बेहतर बनाने का निर्णय लिया है। इसके मद्देनजर जिला अनुसार बजट स्कूलों को आवंटित हुआ है। dj
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