कानपुर : आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपल आईटी में एडमिशन के सिंगल एंट्रेंस टेस्ट और काउंसलिंग पर मुहर लग सकती है। इस सिलसिले में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने एक कमेटी गठित की है। इसकी रिपोर्ट छह अक्तूबर को आईआईटी काउंसिल की प्रस्तावित मीटिंग में रखी जाएगी। चर्चा के बाद वर्ष 2016 से ही सिंगल टेस्ट और काउंसलिंग पर फैसला संभव है। अभी एडमिशन की दो प्रवेश परीक्षा और तीन काउंसलिंग कराई जा रही है।
आईआईटी में एडमिशन का ज्वाइंट एंट्रेंस टेस्ट 22 मई 2016 को होगा। इस पर ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड (जैब) की मुहर लग चुकी है। इससे पहले जेईई एडवांस की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होगी। सामान्य और ओबीसी (पुरुष) की फीस 2000 रुपये और एससी, एसटी, थर्ड जेंडर और सभी श्रेणियों की लड़कियों की रजिस्ट्रेशन फीस 1000 रुपये तय है। एनआईटी और ट्रिपल आईटी काउंसिल की मीटिंग भी हो चुकी है। मानव संसाधन विकास मंत्री की अध्यक्षता वाली मीटिंग में ज्वाइंट एंट्रेंस टेस्ट (जेईई) मेन 2016 पर चर्चा हुई और कहा गया कि इंटरमीडिएट के 40 फीसदी मार्क्स की अनिवार्यता खत्म की जानी चाहिए। इन्हीं मार्क्स को जोड़कर ही एनआईटी, ट्रिपल आईटी में एडमिशन की मेरिट लिस्ट जारी की जाती है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला नहीं हो सका। सिंगल एंट्रेंस टेस्ट और काउंसलिंग पर एक कमेटी गठित करके पांच अक्तूबर तक रिपोर्ट मांग ली गई। जेईई एडवांस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों की सीटें वर्ष 2015 में खाली रह गई थीं। इसकी मुख्य वजह टेस्ट और काउंसलिंग प्रक्रिया का दुरुस्त न होना था। इसी सिलसिले में ही छह अक्तूबर को आईआईटी काउंसिल की मीटिंग बुलाई गई है। au
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