चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों की मैपिंग करवाई जा रही है और जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या नहीं के बराबर है, ऐसे 350 स्कूलों को जल्द ही बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्तर पर ही गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिकता है और इस कड़ी में पांचवीं और आठवीं कक्षा में बोर्ड की परीक्षाएं शुरू करने की सिफारिश की गई है। विद्यार्थियों की मासिक परीक्षा आरंभ कर दी गई है, जिसके कारण बच्चों में पढ़ाई के प्रति लगन बढ़ी है। मुख्यमंत्री खट्टर शुक्रवार को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से तैयार की जा रही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षाविदों से सुझाव आमंत्रित करने के लिए बुलाई गई राज्यस्तरीय सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अच्छे शिक्षक तैयार करने के लिए हरियाणा में अलग से शिक्षण विश्वविद्यालय और युवाओं को उनके हुनर के अनुरूप रोजगारपरक बनाने के लिए कौशल विकास विश्वविद्यालय खोलने की योजना है।
एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली कक्षा में दाखिले के समय विद्यार्थी का आधार लिंक का कार्य आरंभ किया गया है। इससे बच्चे का दो स्कूलों में दाखिला नहीं हो सकेगा। इस प्रणाली को लागू करने के बाद लगभग 350 स्कूलों को चिन्हित किया गया है, जहां पर विद्यार्थियों की संख्या बहुत कम है और तथ्यों की पूरी जांच करने उपरांत ऐसे स्कूलों को बंद कर दिया जाएगा।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति निर्धारण पर हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा दो लाख से अधिक व्यक्तियों के फीडबैक व सुझाव ऑनलाइन केंद्र सरकार को भेजे जा चुके हैं। कार्यशाला को शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, अशोका विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रथम सिन्हा, ओपी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सी राजकुमार, शिक्षाविद् दीनानाथ बतरा ने भी संबोधित किया और उच्चतर शिक्षा पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए सुझाव दिए।
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