** तीन साल का कोर्स होने के बाद से हो रही है दिक्कत
गुड़गांव : हरियाणा में डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) के प्रति छात्रों का रुझान कम हो रहा है। नौ काउंसलिंग के बाद भी पूरे प्रदेश में करीब 2100 सीटें खाली है। खाली सीटों को भरने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) 10वीं काउंसलिंग की तैयारी कर रहा है। बता दें कि छात्रों के घटते रुझान को देखते हुए एससीईआरटी ने इस बार दूसरे प्रदेश के छात्रों के लिए भी दाखिले के लिए अनुमति दी थी।
इस साल डीएड में करीब 30 हजार आवेदन आए थे। जबकि 2014 में 36 हजार, 2013 में 43 हजार आवेदन और 2012 में यह आंकड़ा 50 हजार के पार था। बीते सालों में डीएड की सीटें फुल हो जाती थीं, लेकिन इस वर्ष अभी तक डीएड की दाखिला प्रक्रिया जारी है। ऐसे में उन छात्रों को परीक्षा की तैयारी करने में दिक्कत होगी, जो अंतिम काउंसलिंग के तहत दाखिला लेंगे।
आंकड़ों से साफ है कि दो की जगह तीन साल का डीएड करने के बाद छात्रों का रुझान कम हो रहा है। शिक्षा निदेशालय ने 2012 में दो साल पढ़ाई के साथ 90 दिन की इंटर्नशिप और 20 दिन की टीचिंग प्रैक्टिस शुरू की थी। एससीईआरटी के अधिकारी भी मानते हैं कि डीएड में इंटर्नशिप लागू होने से छात्रों को यह डिग्री तीन साल में मिलती है। जबकि दूसरे प्रदेशों में बिना इंटर्नशिप के दो साल में डिग्री मिल जाती है। डीएड की दाखिला प्रक्रिया और अब हाजिरी को लेकर सख्ती की वजह से दूसरे प्रदेश में डीएड करना ज्यादा सही समझा जा रहा है।
अब 10वीं काउंसलिंग कराने की तैयारी
"डीएड की सीटें भरने का प्रयास किया जा रहा है। सीटें नहीं भरने पर एक और काउंसलिंग कराई जाएगी या नहीं, इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उच्च अधिकारियों से बातचीत कर जल्द निर्णय लिया जाएगा।"-- अशोक यादव, डीएड प्रभारी, एससीईआरटी au
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