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Tuesday, 10 November 2015

कई साल पीछे हट जाएगी लेक्चरर की प्रमोशन

** विभागीय फैसला : ब्लॉक एलिमेंट्री एजुकेशन ऑफिसर के पद समाप्त करने का प्रभाव
करनाल : प्रदेश में ब्लॉक एलिमेंटरी एजुकेशन ऑफिसर (बीईईओ) के पद खत्म करने का सीधा प्रभाव शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ प्राध्यापकों प्रधानाचार्यों की प्रमाेशन पर पड़ेगा। अब प्रधानाचार्य से सीधे बीईओ के पदों पर प्रमोशन होगी, जिससे पदोन्नति का समय लंबा हो जाएगा। इसके अलावा जब बीईईओ के होते हुए समय से कार्य निपटाने में दिक्कत रही थी तो अब खंड में अकेले बीईओ से क्या उम्मीद लगाई जा सकती है? 
सवाल उठता है कि जब एलिमेंटरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के निदेशालय अलग-अलग हैं। निदेशक अलग-अलग हैं। डीईओ डीईईओ अलग हैं तो फिर खंड स्तर पर अकेले डीईओ को रखना किस हद तक सही है। ऊपर से नीचे आते-आते पोस्ट बढ़ती जाती हैं, जबकि यहां तो उलट हो रहा है। करनाल जिले में घरौंडा करनाल ब्लाॅक में बीईईओ के पद भरे हुए थे, जबकि शेष चार खंडों में पोस्टें खाली चल रही थी। लेकिन अब बीईईओ का कार्य बीईओ को सौंपे जाने से सभी पद खाली हो जाएंगे। इस तरह से प्रिंसिपल और प्राध्यापकों की प्रमोशन कई साल पीछे चली जाएगी। क्योंकि प्राध्यापक से प्रिंसिपल और प्रिंसिपल से बीईईओ के पद पर प्रमाेशन होती है। पूरे प्रदेश में 119 प्राध्यापक और 119 बीईईओ के पद सरकार के इस निर्णय से प्रभावित होंगे। 
अकेला अधिकारी वर्कलोड से कैसे निपटेगा : 
खंड स्तर पर अधिकारियों का वर्कलोड करने और शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए सरकार ने वर्ष 2011-12 में प्रदेश में 119 प्रधानाचार्यों को प्रमोशन देकर बीईईओ बनाया था। लेकिन लगभग चार साल बीतने पर भी इनको वित्तीय शक्ति दी गई और इनके पद सेंक्शन किए गए। अब दोबारा से खंड स्तर का सभी कार्य अकेले बीईओ को सौंपा जा रहा है। 
गिरेगा शिक्षा का स्तर 
स्कूलएजुकेशन ऑफिसर्स एसोसिएशन के स्टेट प्रेसिडेंट डॉ. धर्मपाल ने कहा कि बीईईओ की पोस्ट खत्म करने से 119 स्कूलों में चेकिंग का काम ठप हो जाएगा। शिक्षा का स्तर गिरेगा। अकेले बीईओ पर वर्कलोड बढ़ जाएगा। जबकि बीईईओ के पदों का सरकार पर कोई बोझ नहीं था। बीईओ के पद खत्म करने से 119 प्राध्यापकों 119 प्रिंसिपलों की प्रमोशन कई साल पीछे चली जाएगी। जब दाेनों के निदेशालय अलग-अलग हैं और जिला स्तर तक भी अधिकारी अलग-अलग हैं तो फिर खंड स्तर पर एक ही अधिकारी रखने का क्या औचित्य है। सरकार को अपने इस इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।                                                                            db 

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