झज्जर : पेपर होने के दौरान अकसर ऐसा देखा गया है कि जहां पास होने के लिए कई परीक्षार्थी नकल का सहारा लेते है वहीं कई ऐसे भी परीक्षार्थी होते है जिन्हें यदि परीक्षा करने के दौरान नकल की सहायता नहीं मिली तो फिर वह पास होने के लिए अन्य तरीके अपनाते है।
इन्हीं तरीकों में जहां कई परीक्षार्थी पास होने के लिए अपने गरीब होने की दुहाई देते हैं, वहीं कई ऐसे भी है जिन्होंने पेपर के आखिर में उत्तरपुस्तिका का मूल्याकंन करने वाले से संपर्क स्थापित करने के लिए अपना मोबाइल नंबर तक भी दे रखे हैं। इन दिनों झज्जर व बहादुरगढ़ में दसवीं और दस जमा दो की परीक्षाओं के संपन्न होने के बाद मूल्यांकन का कार्य किया जा रहा है। मूल्यांकन करने के दौरान ही कई ऐसे रोचक किस्से सामने आए है जिन्हें देखकर मूल्यांकन करने वाला शिक्षक भी अपनी हंसी को रोक नहीं पा रहा है। झज्जर के कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में दसवीं की परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाओं का मुल्यांकन किया जा रहा है। उत्तरपुस्तिका जांचने वाले एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कई बच्चों ने अपने गरीब होने की दुहाई पास होने के लिए दे रखी है, जबकि कई बच्चों ने संपर्क स्थापित करने के लिए अपना मोबाइल नंबर दे रखा है।
विकलांगता की दी दुहाई
उधर झज्जर के ही राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में दस जमा दो की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में जो बात सामने आई है उसके अनुसार जहां एक परीक्षार्थी ने अपनी विकलांगता की दुहाई पास होने के लिए दी है,जबकि एक-दो उत्तरपुस्तिकाओं में सम्बंधित परीक्षार्थी ने जीजा-साले के रिश्ते को लिखते हुए पास करने की बात कही है। उत्तरपुस्किाओं में कई छात्राओं ने अपनी सगाई होने की बात लिखते हुए प्रार्थना की है कि यदि वह पास नहीं हुई तो उसका रिश्ता टूट जाएगा। dt
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