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Sunday, 4 August 2013

मिडिल स्कूल में 50 से कम हुए बच्चे तो हटेगा पीटीआई

कैथल : सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाने से पहले बच्चों के परिजनों को एक बार जरूर सोचना होगा कि कहीं उनका लाडला शारीरिक शिक्षा से वंचित न रह जाए। शिक्षा विभाग ने मिडिल स्कूलों से पीटीआई को हटाने की कवायद शुरू कर दी है। ये पीटीआई उन स्कूलों से हटाए जा रहे हैं, जहां बच्चों की संख्या 50 से कम है। हालांकि अधिकारी इस पॉलिसी के बारे में खुलकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। 
जिलेभर में 76 मिडिल स्कूल हैं। इन स्कूलों में छठी से 8वीं तक पढऩे वाले बच्चों की संख्या 15 हजार के करीब है। सरकार की रेशनेलाइजेशन नीति का सीधा असर इन बच्चों पर भी पड़ेगा। शिक्षा विभाग की नई पॉलिसी के अनुसार जिन मिडिल स्कूलों में 50 से कम बच्चे हैं। उन स्कूलों में बच्चों को दी जानी वाली शारीरिक शिक्षा बंद कर दी जाए। ऐसे स्कूलों से पीटीआई को हटाकर 50 की संख्या से ऊपर वाले किसी दूसरे स्कूल में लगाया जाएगा। यहां तक कि हर वर्ष खंड स्तर के खेलों में भी मिडिल स्कूलों के बच्चे हिस्सा नहीं ले पाएंगे। 
बच्चों को प्रार्थना, योगा और खेल की गतिविधियों के बारे में कोई नहीं बताएगा। ऐसे में बच्चों को स्कूल में मिलने वाले संस्कारों पर भी असर पड़ेगा। पांचवीं कक्षा के बाद जिस खिलाड़ी ने 6वीं कक्षा में दाखिला लेना है। उसके परिजनों को बच्चे को दाखिला दिलाने से पहले स्कूल में दाखिल बच्चों की संख्या के बारे में पता करना होगा। पीटीआई रोशन लाल, परमल सिंह और सुखविंद्र ने कहा कि 50 बच्चों से लेकर एक हजार बच्चों तक एक पीटीआई को लगाया जा रहा। एक पीटीआई इतने बच्चों को एक साथ कैसे संभाल सकेगा। एक हजार बच्चों से ऊपर बच्चों पर डीपीआई लगाया जा रहा है। इस नीति से खेलों का भी स्तर गिरेगा। 
पॉलिसी का मेटर है:
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सतीश राणा ने कहा कि सरकार का काम पॉलिसी बनाना है। जो मुझे निर्देश मिले थे, उन्हें जिले में लागू किया गया है। जिले के हर मिडल स्कूल में बच्चों को शारीरिक शिक्षा दी जानी अनिवार्य है। जिन स्कूलों में लंबे समय से पीटीआई नहीं थे, उनमें सरप्लस हुए पीटीआई को भेजा गया है। अगर मिडिल स्कूलों में बच्चों की संख्या फिर से बढ़ जाती है तो इन स्कूलों में फिर से पीटीआई की नियुक्ति की जाएगी। 
नीति का उल्लंघन:
शारीरिक शिक्षा संघ इकाई कैथल के जिला सचिव ईश्वर ढांडा ने कहा कि सरकार ने सरकारी स्कूल में पढऩे वाले हर बच्चे को शारीरिक शिक्षा देने की नीति बनाई थी। ताकि सरकारी स्कूल में पढऩे वाला हर बच्चा स्वस्थ हो, लेकिन सरकार अब अपनी ही नीति का उल्लंघन करके मिडिल स्कूलों से पीटीआई को हटा रही है। ऐसा थ्री टायर सिस्टम के तहत किया जा रहा है। महिला पीटीआई को किसी नए स्टेशन पर पहुंचने के लिए दिक्कत पेश होगी। ...DB




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