जींद : हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन ने शिक्षा मंत्री पर प्रदेश के मास्टर्स एवं हेडमास्टर्स के पक्ष को अनसुना करने और भेदभाव करने का आरोप लगाया है और एक ही संगठन के पक्ष को बार-बार सुनने का आरोप लगाया है। प्रदेश अध्यक्ष रमेश मलिक ने कहा कि 30 नवंबर को झज्जर में 24 घंटे का अनशन किया जाएगा और 1 दिसंबर को प्रदर्शन किया जाएगा।
रमेश मलिक ने शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल को इसके लिए पत्र भी लिखा है। इसके माध्यम से वर्ष 2008-09 के हाई स्कूल हेड मास्टर्स व प्राध्यापक पदों पर पदोन्नति न करने, अध्यापन विषय की शर्त लगाने, वित्त विभाग की स्वीकृति के बाद भी मिडिल स्कूल हेडमास्टर्स को डीडीओ घोषित करने में हो रही देरी, मिडिल स्कूल मुख्याध्यापकों के दायित्व तय न करने, एसीपी की शक्तियां जिला स्तर से निदेशालय पर किए जाने पर गहरा रोष प्रकट किया है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा प्राध्यापक की ग्रेड पे 4800 से बढ़ाकर 5400 करने की सिफारिश की गई है। मास्टर, जेबीटी, मिडिल व हाई स्कूल हेडमास्टर को भी ग्रेड पे उसी अनुपात में बढ़ाने की सिफारिश क्यों नहीं की गई है। सरकार द्वारा घोषित दो हजार रुपए अंतरिम राहत लागू होने पर भी प्राध्यापक का मास्टर के प्रारंभिक वेतन से 2120 रुपये ज्यादा है। आज प्रदेश में एक भी प्रधानाचार्य ऐसा नहीं है, जो मास्टर से हेडमास्टर व फिर प्रधानाचार्य पदोन्नत हुआ हो, जबकि प्राध्यापक आज अपने सेवाकाल में आठ-आठ पदोन्नतियां पा रहे हैं और संयुक्त निदेशक तक पहुंचे हुए हैं। फिर भी प्राध्यापक वर्ग का प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति कोटा गत वर्ष 45 प्रतिशत से बढ़ाकर 67 प्रतिशत कर दिया गया है, इससे प्रदेश के 35 हजार टीजीटी, 5548 मिडिल स्कूल हेडमास्टर व हाई स्कूल हेडमास्टर के पदोन्नति के रास्ते तंग हो गए हैं। जिन्हें और तंग या बंद करने का दबाव व योजना बनाई जा रही है। db
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