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Saturday, 23 November 2013

सीबीएसई से मदद मांगेगा शिक्षा विभाग

भिवानी : हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिशन (हसला) के बहिष्कार के चलते हरियाणा शिक्षा बोर्ड अब 12वीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए सीबीएसई बोर्ड की मदद ले सकता है। इस बारे बोर्ड के अधिकारियों की बातचीत चल रही है। यदि जल्द ही मूल्यांकन का कार्य शुरू नहीं हुआ तो इस बार 12वीं कक्षा का परिणाम लेट हो सकता है। इससे विद्यार्थियों की बैचेनी बढ़ गई है। इनके अभिभावकों को भी अब चिंता सताने लगी है। बता दें कि 7 नवंबर से 12वीं की कक्षाओं के मूल्यांकन का कार्य किया जाना था, लेकिन हसला के बहिष्कार के कारण आज तक शुरू नहीं हो पाया।
सीबीएसई स्कूल संगठन भी विरोध में
सीबीएसई स्कूल संगठन सहोदय के महासचिव विजेंद्र मान का कहना है कि सीबीएसई बोर्ड अपने टाइट शेड्यूल के कारण हरियाणा बोर्ड की मदद नहीं कर सकता। अगर तैयार भी हो गया तो यह ठीक नहीं होगा। दोनों बोर्ड में मूल्यांकन का अलग मानक होता है। सीबीएसई अगर अपने अध्यापकों को मूल्यांकन करने के निर्देश दे भी दे तो भी अध्यापक इसके लिए तैयार नहीं होंगे। क्योंकि सीबीएसई मूल्यांकन के लिए अपने शिक्षकों को प्रति कापी  20 रुपए देता है, वहीं हरियाणा बोर्ड सिर्फ  7 रुपए देता है। इतनी कम राशि में शिक्षक भी मूल्यांकन का विरोध करेंगे।
अधिकारियों को पत्र लिखा
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के संयुक्त सचिव महेंद्र पाल ने कहा कि बोर्ड द्वारा मूल्याकंन के लिए   हरियाणा शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को लिख दिया गया है। वहां से जो भी निर्देश आएंगें उनका पालन किया जाएगा।
हमारी परवाह नहीं
हसला के भिवानी जिला प्रधान रमेश मल्हान के अनुसार मूल्यांकन का पूरी तरह बहिष्कार किए जाने का  निर्णय राज्य कार्यकारिणी द्वारा लिया गया है।  उनकी मांगों को लेकर 17 अप्रैल 2011 को सरकार ने सहमति दी थी मगर कोई  गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया। एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर कई बार विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी।              dt

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