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Thursday, 28 November 2013

पीजीटी नहीं हम लेक्चरर ही ठीक


सोनीपत : हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन के बैनर तले प्राध्यापक दूसरे दिन भी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन छोड़ धरने पर डटे रहे। हसला प्रधान सतपाल बजाड़ ने कहा कि वह लेक्चरर्स के नाम से जाने जाते हैं, उन्हें पीजीटी पदनाम स्वीकार नहीं है। 
इसके अलावा प्राध्यापकों की लंबे समय से अन्य मांगों को भी नजर अंदाज किया जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें धरने का रास्ता अख्तियार करना पड़ा है। अगर सरकार एसोसिएशन की विभिन्न मांगों को पूरा नहीं करती है तो शीघ्र ही बड़े आंदोलन की घोषणा की जा सकती है। बुधवार को हरियाणा स्कूल के सामने सैकड़ों शिक्षक जमीन पर बैठकर सरकार विरोधी नारे लगाते रहे। प्राध्यापकों की मांगों में 5400 रुपए का ग्रेड पे, प्राध्यापकों को ही प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति करने, प्राध्यापकों को लेक्चरर्स पदनाम ही दिए जाने व पीजीटी पदनाम का विरोध किया। बजाड़ ने कहा कि समाज में शिक्षक को मार्ग दर्शक के रूप में देखा जाता है। 
वही शिक्षक अपने शिक्षा के मंदिर से निकलकर सड़क पर बैठा है। इस ओर सरकार का ध्यान क्यों नहीं जा रहा? शिक्षकों के साथ हो रहे भेदभाव को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार को शिक्षकों की बात माननी ही होगी। विद्यार्थियों का भविष्य अधर में है। जिसकी जिम्मेदार सरकार होगी। मूल्यांकन करना उतना ही जरूरी है, जितना कि मांगें है। सरकार को चुनना होगा कि शिक्षकों को क्या करना है। उन्होंने कहा कि धरना 28 व 29 नवंबर को डीईओ ऑफिस पर दिया जाएगा। 30 को माडल टाउन स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के सामने इकट्ठा होकर वित्तायुक्त हरियाणा का पुतला जलाएंगे। हसंला को बैंक एंप्लाइज फेडरेशन के चेयरमैन एनपी मुंजाल ने अपना समर्थन दिया है। इस दौरान राज्य उपप्रधान दर्शन सिंह, महासचिव सत्यनारायण शर्मा, डा. हजारीलाल, विरेंदर दहिया, ज्ञानवती सहित सैकड़ों प्राध्यापक मौजूद रहे।           db 

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