पानीपत : प्राध्यापक 12वीं की उत्तर पुस्तिका नहीं जांचेंगे तो अब दंड के भागीदार होंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने लेक्चर्स के इस कदम को दंडनीय मानते हुए कार्रवाई करने के फरमान जारी किए। आदेश की उल्लंघना पर प्राध्यापकों पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बोर्ड की 12वीं प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा एक माह देरी से शुरू हुई। परीक्षा की समाप्ति के बाद उत्तर पुस्तिका की जांच में पेंच फंस गया। प्राध्यापकों ने मूल्यांकन कार्य का प्रदेश स्तर पर बहिष्कार करने का फैसला लिया। सरकार से ग्रेड पे व अन्य मांगों से संबंधी हुई बातचीत के अमल में देरी पर यह कदम उठाया। प्रत्येक जिले में 7 नवंबर से मार्किंग का कार्य शुरू नहीं हो सका। प्राध्यापक मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। दूसरी तरफ सरकार उनकी मांगों पर उदासीन रवैया अपना रही है। मूल्यांकन कराने के शिक्षा बोर्ड के सारे इंतजाम भी फेल हो गए। अंकन संबंधी कार्य को अनिवार्य घोषित करने के संबंध में निदेशक माध्यमिक शिक्षा कार्यालय से पत्र (19/83-2013 सेकेंडरी शिक्षा (5)) जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि हसला की तरफ से सौंपे गए ज्ञापन (एसपीएल/एचएसएलए/12-29/10) में सारी मांगे सरकार से संबंधित है। प्राध्यापक अंकन कार्य को अनिवार्य मानते हुए इसे प्राथमिकता के आधार पर संपन्न करवाएं। आदेश का उल्लंघन करने पर दंडनीय माना जाएगा।
सामूहिक अवकाश लेंगे :
हसला के प्रदेश महासचिव डॉ. रविंद्र डिकाडला ने बताया कि सरकार से मांगे माने जाने तक उत्तर पुस्तिकाओं के बहिष्कार का फैसला जारी रहेगा। मंगलवार व बुधवार को प्राध्यापक सामूहिक अवकाश लेंगे। प्रदेश भर में 28-29 नवंबर को डीईओ कार्यालय के समक्ष 3-5 बजे तक धरना दिया जाएगा। जिला उप प्रधान अनिल पंवार का कहना है कि गोहाना रैली में प्राध्यापकों को कुछ भी नहीं दिया गया। dj
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