सिरसा : शिक्षा विभाग सेकंडरी निदेशक चंद्रशेखर ने स्कूलों में शिक्षा की जमीनी हकीकत जानने के लिए गांव माधोसिंघाना के राजकीय सीनियर सेकंडरी स्कूल का निरीक्षण किया। इसके लिए निदेशक शनिवार रात्रि को स्कूल में ठहरे। रात्रि को एसएमसी सदस्यों की बैठक लेते हुए कहा कि सदस्य गांव में छात्राओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान दें। इसके लिए जो छात्राएं स्कूल नहीं आ रही है। उन्हें स्कूल में लेकर आना अपनी जिम्मेवारी समझे।
उन्होंने कहा कि स्कूल में शिक्षक के थोड़ा सा डांटने पर परिजन स्कूल में पहुंचकर हंगामा कर दे है। जो गलत बात है। इसके लिए एसएमसी सदस्य ग्रामीणों की मानसिकता को बदले। इससे पहले निदेशक के पहुंचने पर गांव की सरपंच कमला जांदू व प्राचार्य रानी देवी ने स्वागत किया। कार्यक्रम के तहत निदेशक चंद्रशेखर ने शनिवार सुबह स्कूल में होने वाली प्रार्थना व पीटी शो का जायजा लिया। इसके बाद स्कूल की छात्राओं ने स्वागत गीत व छात्रा आरती, पूजा, सुमन, मनोज व प्रियंका ने मेरी जमना का मीठा मीठा पानी, मेरे को मटकी भर लेणे दे पर नृत्य किया। छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में सबसे जरूरी अनुशासन है। अनुशासन में रहकर व्यक्ति बहुत कुछ सिखाता है। इसके लिए प्रत्येक बच्चे अनुशासन में रहें। इसके बाद उन्होंने कक्षाओं में जाकर छात्राओं से पढ़ाई कैसे हो रही है। इस बारे में पूछा। स्कूल की एमएमसी के प्रधान छोटूराम व सदस्यों ने गांव में राजकीय गल्र्स स्कूल को अपग्रेड करने, स्कूल की चार दीवारी व पगडंडी बनाने की मांग रखी। इसके बाद सिरसा के राजकीय मॉडल स्कूल का औचक निरीक्षण किया।
अफसरों की ली क्लास
निदेशक चंद्रशेखर ने सीएमके गल्र्स स्कूल में शिक्षा विभाग के अधिकारियों व प्राचार्य की बैठक ली। जिसमें अधिकारियों को शिक्षा के प्रति विशेष ध्यान देने की बात कही। किसी भी स्कूल में पढ़ाई से संबंधित कोई दिक्कतें नहीं आनी चाहिए। मौके पर सहायक निदेशक डॉ. प्रदीप राठौर, जिला शिक्षा अधिकारी कुमकुम ग्रोवर, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी मधु मितल, जिला परियोजना अधिकारी नीता अग्रवाल, बीईओ सुरेंद्र शर्मा, भूप सिंह छिंपा, भारत भूषण धायल, बलवीर जांदू व मोहन लाल मौजूद थे। db
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