हिसार : उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर स्कूल प्राध्यापक अब दबाव की रणनीति पर उतर आए हैं। ऐसे में 12वीं की पात्र अध्यापक संघ के उत्तरपुस्तिकाओं का नि:शुल्क मूल्यांकन करने की घोषणा से मामला और गरमा गया है। पात्र अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने मूल्यांकन बहिष्कार को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार पात्र अध्यापकों को आदेश दे तो वे मूल्यांकन का काम निपटा सकते हैं।
जिला प्रधान भगवान दत्त शर्मा ने कहा कि प्राध्यापक बच्चों की शिक्षा के प्रति संवेदनशील हैं। लेकिन विभाग मांगें न मानकर जानबूझ कर उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर कर रहा है।
बिना शर्त के करेंगे मूल्यांकन : राजेंद्र शर्मा
पात्र अध्यापक संघ के सदस्यों ने 12वीं कक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य में उनकी ड्यूटी लगाए जाने की मांग की है। पात्र अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कहा कि पात्र अध्यापक बिना किसी शर्त के नि:शुल्क मूल्यांकन कार्य करके प्रदेश के बच्चों का बर्बाद होते भविष्य को बचाने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि 12वीं की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में ड्यूटी लगाने के लिए पात्र अध्यापक संघ का एक शिष्टमंडल शीघ्र ही हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष, सचिव, शिक्षामंत्री व मुख्यमंत्री से मिलेगा।
हसला के सदस्यों ने मंगलवार को बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी की। वेतनमान व अन्य मांगों को लेकर प्राध्यापक मार्किंग न करने के लिए अड़े हुए हैं। इस मौके पर सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि प्राध्यापक बुधवार को भी सामूहिक अवकाश पर रहते हुए विरोध जारी रखेंगे। वहीं गुरुवार व शुक्रवार को शाम तीन बजे फव्वारा चौक पर एकत्र होकर विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान लघु सचिवालय तक जुलूस निकालते हुए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना दिया जाएगा।
विद्यार्थियों को हो रहा नुकसान
महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष अर्चना सुहासिनी ने कहा कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में पहले ही शिक्षा विभाग व हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की लापरवाही के कारण 12वीं की परीक्षा देरी से शुरू की गई थी अब मूल्यांकन का विरोध करने से प्रथम सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम भी देरी से ही घोषित होगा। इसका सीधा असर दूसरे सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के लेक्चरर व सरकार के बीच की खींचतान की सजा निर्दोष बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए। प्रदेश संगठन सचिव अनिल अहलावत ने कहा कि प्रदेश में 12वीं का परीक्षा परिणाम देरी से आने के कारण मई-जून माह में होने वाली अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं से स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने वाले लाखों बच्चे वंचित रह जाएंगे। ज्ञात रहे 7 नवंबर से प्रदेश में उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य शुरू होना था। db
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