हिसार : हरियाणा शिक्षक भर्ती बोर्ड पंचकूला के नए निर्देशों ने अनुभव के आधार पर आवेदन करने वाले प्राध्यापकों और उन्हें प्रमाण पत्र देने वाले स्कूल संचालकों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। नियुक्ति से पहले ही शिक्षण संस्थाओं के संचालकों को रिकॉर्ड जांच के लिए मुख्यालय बुलाए जाने के ऐसे आदेश पहली बार हुए हैं।
बड़ी दिक्कत है कि आवेदकों को मुश्किल से 24 घंटे का समय मिला है। अनुभव प्रमाण पत्र देने वाले स्कूल संचालक या उनके प्रतिनिधियों को आनन फानन में पंचकूला जाने के लिए तैयार करना भी टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। परेशान आवेदक यही कह रहे हैं कि गुरुजी एक बै पंचकूला चाल्यो, नौकरी का सवाल सै।
परेशानी होगी पर फर्जीवाड़ा रुकेगा :
शिक्षक भर्ती बोर्ड के इस फैसले से आवेदकों को कुछ परेशानी जरूर हो सकती है, मगर इससे फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा। 22 से 26 नवंबर तक रिकॉर्ड जांचा जाएगा।
चार जोनों में बांटा :
प्रदेश को चार जोन में बांटा गया है। एक जोन को एक दिन का ही समय मिलेगा। अगर तय तिथि को स्कूल मुखिया या प्रतिनिधि पंचकूला नहीं पहुंचते, तो नियुक्ति रद्द मानी जाएगी। दूसरी तरफ फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
बोर्ड संबंधित स्कूल में आवेदक की हाजिरी, उसका वेतन, रिजल्ट शीट, टाइम टेबल के साथ साथ स्कूल की मान्यता की जांच करेगा। ऐसे में स्कूल संचालक भी नहीं चाहते कि किसी भी तरह का रिस्क लिया जाए।
"जिला स्तर पर बीईओ, डीईओ द्वारा प्रमाण पत्रों को चेक किया जा चुका है। पंचकूला में डायरेक्टर के साइन भी प्रमाण पत्रों पर हैं, तो फिर से जांच का कोई मतलब नहीं है। जांच करानी भी थी, तो इसके लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए था।"-- नरेंद्र सेठी, जिला प्रधान, निजी स्कूल संघ। db
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