चंडीगढ़ : प्रदेश के स्कूलों में कार्यरत लेक्चरर के बगावती तेवरों ने शिक्षा विभाग को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया है। 12वीं की उत्तर पुस्तिकाओं का अंकन कराने का कोई उपाय न निकलने पर विभाग अब लेक्चरर पर मेहरबानी की तैयारी में है।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक लेक्चरर की कुछ मांगों को मानकर उत्तर पुस्तिकाओं का अंकन कार्य जल्द शुरू कराने पर विचार चल रहा है। स्कूल शिक्षा बोर्ड व लेक्चरर के बीच पैदा गतिरोध को हर हाल में समाप्त करने के लिए सोमवार को स्कूल शिक्षा निदेशक चंद्रशेखर ने बोर्ड के सचिव डॉ. अंशज सिंह को लेक्चरर एसोसिएशन से तत्काल वार्ता करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर पुस्तिकाओं के अंकन कार्य के लिए पांच हजार से अधिक स्कूल लेक्चरर की डयूटी लगाई गई थी लेकिन हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन ने लंबित मांगें पूरी न होने पर इसका बहिष्कार कर दिया। शिक्षा बोर्ड ने लेक्चरर को मनाने के लिए कई हथकंडे अपनाए, बावजूद बात नहीं बनी। 22 नवंबर को शिक्षा बोर्ड ने लेक्चरर को अंकन कार्य के लिए रिलीव करने के आदेश जारी किए, जिन्हें मानने से एसोसिएशन ने मना कर दिया। 24 नवंबर को झज्जर में एसोसिएशन ने राज्यस्तरीय बैठक बुलाकर आगामी आंदोलन की भी घोषणा कर दी। इससे शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों की परेशानी और बढ़ गई।
उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन समय पर शुरू न होने के कारण किरकरी ङोल रहे शिक्षा बोर्ड व विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को पूरी ताकत झोंक दी। सूत्र बताते हैं कि विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन की इस बारे में शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल से भी बात हुई है। उसके बाद ही लेक्चरर की मांगों पर विचार करने का निर्णय लिया गया है।
हसला अध्यक्ष दयानंद दलाल का कहना है कि उनकी मांगें बोर्ड नहीं बल्कि शिक्षा विभाग के स्तर की हैं। शिक्ष विभाग उनके ग्रेड पे को बढ़ाकर 4800 से 5400 कर दे तो वह तुरंत अंकन कार्य में जुट जाएंगे। शिक्षा बोर्ड प्रति उत्तर पुस्तिका अंकन कार्य के 9 रुपये देता है, जबकि सीबीएसई का रेट 20 रुपये प्रति कापी है। इसमें भी बढ़ोतरी अपेक्षित है। dj
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