चंडीगढ़ : दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के संयोजक सतबीर सिंह हुड्डा ने कहा कि राइट टू एजूकेशन का लाभ बच्चों को नहीं मिल सकता। क्योंकि इसमें ऐसा प्रावधान किया गया कि नेबरहुड स्कूल एक किलोमीटर के दायरे में हो। प्रदेश सरकार ने नेबरहुड स्कूल सरकारी स्कूलों को घोषित कर दिया। इस तरह से गरीब बच्चे आरटीई के तहत निजी स्कूल में प्रवेश नहीं पा सकेंगे।
अब इस विसंगति को दूर करने के लिए उनका संगठन अदालत में जाएगा। क्योंकि इस नियम में बदलाव के बाद ही गरीब बच्चों को निजी स्कूल में आरटीई के तहत दाखिला मिलने का रास्ता साफ होगा। सतबीर हुड्डा ने बताया कि सरकारी स्कूलों में न तो साइंस की पढ़ाई है और न ही गणित की व्यवस्था है।
शिक्षक भी पूरे नहीं हैं। मासिक अथवा छमाही परीक्षाएं नहीं होती। इन खामियों की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाई के लिए ले जाना बेहद जरूरी है, लेकिन अधिनियम में खामियों के चलते ग्रामीण गरीब बच्चे अच्छी शिक्षा से वंचित हैं। db
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