रोहतक/पानीपत : 12वीं की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर हरियाणा शिक्षा बोर्ड और प्रदेश की स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) टकराव की मुद्रा में आ गए हैं। बोर्ड ने जहां मूल्यांकन ड्यूटी वाले प्राध्यापकों को स्कूलों से रिलीव करने के आदेश दे दिए। वहीं हसला ने झज्जर में राज्यस्तरीय बैठक के बाद ऐलान किया कि 26 और 27 को प्राध्यापक सामूहिक अवकाश लेकर मूल्यांकन केंद्रों पर प्रदर्शन करेंगे। राज्य कमेटी ने लिया प्राध्यापकों के रिलीव न होने का फैसला, बढ़ सकता है विवाद
प्रदेश में साढ़े 12 हजार प्राध्यापक हैं। 7 नवंबर से प्रथम सेमेस्टर की करीब 17 लाख उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन होना था। लेकिन हसला ने ग्रेड पे, पदनाम व पदोन्नति से संबंधित मांगों को लेकर मूल्यांकन का बहिष्कार कर दिया। दो सप्ताह से गतिरोध चल रहा है जबकि सोमवार से 10वीं की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी होना है। हसला के राज्य प्रधान दयानंद दलाल ने बताया कि 28 व 29 को जिलों में डीईओ कार्यालय पर प्रदर्शन करेंगे।
प्रदेश में साढ़े 12 हजार प्राध्यापक हैं। 7 नवंबर से प्रथम सेमेस्टर की करीब 17 लाख उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन होना था। लेकिन हसला ने ग्रेड पे, पदनाम व पदोन्नति से संबंधित मांगों को लेकर मूल्यांकन का बहिष्कार कर दिया। दो सप्ताह से गतिरोध चल रहा है जबकि सोमवार से 10वीं की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी होना है। हसला के राज्य प्रधान दयानंद दलाल ने बताया कि 28 व 29 को जिलों में डीईओ कार्यालय पर प्रदर्शन करेंगे।
लड़ाई सरकार से, सजा छात्रों को
चंडीगढ़/झज्जर : प्रदेश के सरकारी स्कूलों के लेक्चरर्स की लड़ाई तो सरकार के साथ है, लेकिन मूल्यांकन कार्य न होने से सजा 12वीं कक्षा के तीन लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों को भुगतनी पड़ रही है। लेक्चरर्स की चारों मांगें सरकार के स्तर पर हल हो सकती हैं। इस संबंध में शिक्षा विभाग की प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरीना राजन का कहना है कि फिलहाल बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है। हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन (हसला) की जो भी मांगें हैं, उन पर कई बार बातचीत हो चुकी है। ऐसे मामलों में कुछ समय तो लगता ही है, लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं है कि शिक्षक बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने लगें।
इधर, झज्जर में राज्य स्तरीय बैठक के बाद हसला ने झुकने की बजाय और सख्त रुख अपना लिया। प्रदेशाध्यक्ष दयानंद सिंह दलाल ने कहा कि अब प्रदेश भर के 12,500 लेक्चरर 26 व 27 नवंबर को सामूहिक अवकाश लेकर प्रदेशभर में निर्धारित 29 मूल्यांकन केंद्रों पर प्रदर्शन करेंगे। आगामी 28 व 29 नवंबर को सभी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों पर धरना देंगे। सभी लेक्चरर सोमवार से अपने विषयों से संबंधित सीसीई (सतत व्यापक मूल्यांकन) के अंकन कार्य का भी बहिष्कार करेंगे। उसके बाद 11 दिसंबर शिक्षा सदन, पंचकूला में राज्यस्तरीय धरना व प्रदर्शन होगा। यहां बता दें कि पहले बोर्ड की ढिलाई की वजह से पहले सेमेस्टर की परीक्षा भी देरी से हुई थी और अब इसके नतीजे और लेट होने से दूसरे सेमेस्टर में दिक्कत आएगी। db
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