** 12वीं प्रथम सेमेस्टर के पेपर चेकिंग का हो रहा बहिष्कार
** विभाग की चेतावनी के बाद भी यूनियन मांगों पर कायम
झज्जर/भिवानी : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 12वीं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का बहिष्कार कर रहे स्कूल लेक्चरर पर सख्ती दिखाते हुए शिक्षा विभाग ने उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन अनिवार्य करते हुए लेक्चरर को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है। शिक्षा विभाग के निदेशक ने इस बाबत निर्देश सभी डीईओ को जारी कर दिए हैं। विभाग के इस रवैये ने स्कूल लेक्चररों का गुस्सा भड़का दिया है। सात नवंबर से उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के बहिष्कार के फैसले पर डटी हरियाणा स्कूल लेक्चरर यूनियन (हसला) ने भी विभाग को चेतावनी दी है कि वे अपनी मांगें पूरी होने तक पेपर चेक नहीं करेंगे। हसला के समर्थन में गेस्ट टीचर, एडेड और प्राइवेट स्कूल टीचर भी पहले से पेपर चेकिंग का बहिष्कार कर चुके हैं। शिक्षा विभाग और शिक्षकों की इस जंग में लगभग साढ़े तीन लाख विद्यार्थी मुश्किल में पड़ गए हैं।
हसला के प्रदेश अध्यक्ष दयानंद दलाल और जिला अध्यक्ष रमेश मल्हान ने कहा कि जब तक उनकी मांग नहीं मान ली जाती तब तक मूल्यांकन का बहिष्कार जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि 24 नवंबर को करनाल में हसला की राज्यस्तरीय बैठक बुलाई गई है, इसमें रणनीति बनाई जाएगी। वे उनका साथ देने वाले गेस्ट टीचर, एडेड और प्राइवेट स्कूल टीचरों के लिए भी संघर्ष करेंगे। गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र थिलोड़ ने कहा कि वे स्कूल लेक्चरर के साथ हैं।
उधर, रोहतक में हसला ने बैठक कर कहा कि शिक्षामंत्री गीता भुक्कल ने मांगें माने जाने का भ्रामक बयान दिया है, जबकि संगठन की लंबित मांगों के बारे में मुख्यमंत्री या विभाग के किसी प्रतिनिधि ने अभी तक कोई जानकारी हसला को नहीं दी है।
"स्कूल लेक्चरर की मांगें सरकार के स्तर की हैं। सरकार को ही देखना है कि वह क्या कदम उठाती है।"--डॉ. केसी भारद्वाज, सचिव, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड
ये हैं हसला की मांगें
•स्कूल लेक्चरर को 5400 ग्रेड पे मिले
•प्रिंसिपल पद पर प्रमोशन
•नेट और पीएचडी धारकों को कालेज कैडर में जगह मिले au
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