** अब भी काफी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जो अपने गृह जिलों में आना चाहते हैं
हिसार : जेबीटी शिक्षकों ने मौलिक शिक्षा विभाग की ओर से हाल ही में जारी की गई अंतरजिला तबादला सूची पर आपत्ति जताई है। शिक्षकों के मुताबिक इन तबादलों से सिर्फ व्यक्ति विशेष को ही फायदा होगा। अब भी काफी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं, जो अन्य जिलों में कार्यरत हैं और वह अपने गृह जिलों में आना चाहते हैं।
शिक्षा विभाग की ओर से समय समय पर शिक्षकों की भर्ती की जाती रही है। भर्ती के समय शिक्षकों से उनके गृह जिलों के बारे में पूछा जाता है, मगर यदि गृह जिले में कोई पोस्ट खाली नहीं है, तो उन्हें अन्य जिलों में नियुक्त कर दिया जाता है। शिक्षक संघ पिछले काफी समय से मांग कर रहा था कि शिक्षकों को उनके गृह जिलों में नियुक्त किया जाए। विभाग ने पिछले दिनों अंतर जिला तबादला नीति के तहत कई शिक्षकों के तबादले किए। मगर इस दौरान विभाग ने मापदंड रखे, जिनके आधार पर ये तबादले किए गए। विभाग ने म्युचुअल, हैंडीकैप, विधवा या तलाकशुदा, गंभीर बीमारी से पीडि़त, अविवाहित शिक्षिका, सैनिक की पत्नी, कप्पल केस फीमेल, नियुक्ति के बाद विवाह होना, एक्स सर्विसमैन, कप्पल केस ऑफ अदर डिपार्टमेंट को ही इसका फायदा दिया।
मांग के लिए कई दिन किया था संघर्ष
"अंतर जिला तबादले को लेकर शिक्षक संघ काफी समय से संघर्षरत रहा है। इसी कड़ी में मेवात से लेकर शिक्षा सदन पंचकूला तक पैदल रोष मार्च, प्रदर्शन व लगातार धरने भी दिए गए, मगर शिक्षा विभाग ने सामान्य अंतर जिला तबादला नीति के तहत तबादला न करके कैटेगरी विशेष के तबादले कर एक हांडी में दो पेट को चरितार्थ किया है।"--सतीश शर्मा, जिला प्रधान, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ।
मानदंडों में बदलाव कर सभी वर्गों के शिक्षकों को मिले फायदा
शिक्षकों ने इस तबादलों पर आपत्ति दर्ज की है। शिक्षकों का कहना है कि इन तबादलों का लाभ सिर्फ कुछ शिक्षकों को ही मिला है। विभाग को तबादले करते समय कुछ मापदंड न रखकर सभी वर्गों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए, ताकि सभी शिक्षकों को इसका फायदा मिल सके। इस शिक्षा विभाग ने वर्षों बाद प्रदेश के प्राथमिक शिक्षकों का अंतर जिला तबादला कर प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत 362 शिक्षकों को उनके गृह जिलों में भेज दिया है। db
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