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Thursday, 28 November 2013

हेड मास्टर रसोई बनवाए या 24 प्रतिशत ब्याज दे: विभाग

** विभाग ने कहा अब महंगाई बढ़ गई है जिसके चलते उसी बजट में रसोई बनना संभव नहीं 
फतेहाबाद : कानाखेड़ा स्कूल के हेड मास्टर शमशेर सिंह द्वारा स्कूल की रसोई का सरकारी बजट हड़पने के मामले में अब नया मोड़ आ गया हैं। स्कूल के हेड मास्टर ने विभाग को बैंक हिसाब से ब्याज सहित बजट जमा करवा दिया, लेकिन विभाग इससे संतुष्ट नहीं हुआ। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दोषी अध्यापक स्कूल में रसोई का निमार्ण करवाएं या फिर 24 प्रतिशत वार्षिक दर के हिसाब से बजट का ब्याज दे। ऐसे में स्थिति असमंजस की बनी हुई हैं। अध्यापक स्कूल में रसोई का निमार्ण करवाने को तैयार नहीं है। अध्यापक ने 25 नवंबर को खंड शिक्षा अधिकारी जाखल को विभाग द्वारा भेजे गए बजट का पूरा पैसा ब्याज समेत लौटा दिया। 
31 हजार रुपये बनता है कुल राशि का ब्याज 
विभाग का कहना हैं कि स्कूल में रसोई के निमार्ण के लिए विभाग ने फरवरी माह में एक लाख 72 हजार रुपये का बजट दिया था। जिसे अध्यापक द्वारा मार्च व अप्रैल माह में निकाल लिया गया। स्कूल को बजट दिए लगभग नौ माह का समय बीतने को है। ऐसे में लगातार बढ़ रही महंगाई चलते उसी बजट में अब रसोई का निमार्ण करवाना असंभव हैं। विभाग ने दोषी अध्यापक से 24 प्रतिशत के हिसाब से राशि का ब्याज मांगा है, जो लगभग 31 हजार रुपये बनता हैं। जबकि बैंक हिसाब से अध्यापक ने विभाग को नौ हजार रुपये ब्याज के जमा करवा चुका है। 
एक लाख 72 हजार रुपये थे बजट के 
कानाखेड़ा के स्कूल में रसोई निर्माण के लिए विभाग द्वारा 28 फरवरी को एक लाख 72 हजार रुपये की राशि स्कूल खाते में डाली गई। जिसका उपयोग स्कूल मुखिया को रसोई निर्माण में करना था। स्कूल मुखिया शमशेर सिंह ने 15 मार्च को स्कूल खाते से डेढ़ लाख रुपये व 10 अप्रैल को 22 हजार रुपये रसोई निर्माण के लिए निकलवाए थे। 
ये है मामला 
जाखल ब्लॉक के गांव कानाखेड़ा के स्कूल में एसएसए के तहत रसोई का निमार्ण करवाया जाना था। जिसके लिए विभाग ने स्कूल में एक लाख 72 हजार रुपये का बजट दिया था। कुछ समय बाद विभाग ने स्कूल में जांच की तो कानाखेड़ा के स्कूल में रसोई नहीं मिली। 
विभाग को जांच में पता चला कि स्कूल हैड मास्टर शमशेर सिंह ने विभाग द्वारा भेजे गए बजट से रसोई का निमार्ण करवाने की बजाय अपने रिश्तेदार के इलाज पर खर्च कर दिया। जबकि इस बजट से स्कूल में रसोई बनाई जानी थी। जब विभाग ने उक्त अध्यापक से रुपये मांगे तो दोषी अध्यापक ने विभाग से बार-बार समय की मांग की। 
24 प्रतिशत ब्याज जरूरी दे अध्यापक: एसडीओ 
एसएसए के एसडीओ सुमित चोपड़ा ने कहा अध्यापक को स्कूल में रसोई बनवानी चाहिए। यदि अध्यापक स्कूल में रसोई का निमार्ण नहीं करवाना चाहता तो उसे 24 प्रतिशत के हिसाब से बजट विभाग को लौटाना होगा। ताकि विभाग को लगातार बढ़ रही महंगाई के चलते बजट बढ़ गया है और उक्त स्कूल में रसोई निमार्ण में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।       db

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