रेवाड़ी : शिक्षा विभाग के ढुलमुल रवैये के चलते प्राध्यापकों को अपनी पदोन्नति सूची का पिछले चार माह से इंतजार है। हाल ही में जारी हुई प्राध्यापकों की पदोन्नति सूची में 133 में से केवल 58 प्राध्यापक ही प्राचार्य बन पाए। इससे अभी भी 133 प्राध्यापक सभी मानदंड पूरे करने के बावजूद अभी तक पदोन्नत नहीं हो पाए।
ऐसे में कई प्राध्यापक ऐसे हैं जो सेवानिवृत्त के करीब हैं। यदि जल्द ही पदोन्नति सूची जारी नहीं हुई तो वे प्राध्यापक के पद पर ही सेवानिवृत्त हो जाएंगे। ऐसे प्राध्यापकों को जल्द शिक्षा विभाग की वरिष्ठता सूची जारी होने का इंतजार है।
वरिष्ठता सूची 477 से 610 की सूची में मात्र 58 ही प्राचार्य बने: शिक्षा विभाग की अगस्त माह में तैयार हो चुकी प्राध्यापकों की पदोन्नति वरिष्ठता सूची क्रमांक संख्या 477 से 610 के बीच की जारी हुई है। इसमें से मात्र 58 प्राध्यापक ही प्राचार्य बन पाए।
जिले के ही जसवंत सिंह, धारा सिंह जैसे अनेक प्राध्यापक अगले तीन चार माह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। ऐसे में यदि उनका प्रोमोशन नहीं होता है तो उन्हें प्राध्यापक के पद पर ही सरकारी सेवा समाप्त हो जाएगा।
पदोन्नति की सभी शर्तें पूरी होने के बावजूद सूची जारी नहीं होने से जहां प्राध्यापकों में निराशा है वहीं वे राजनीतिक अड़चन के बीच कोई रुकावट नहीं डाल दे इसलिए खुलकर सामने नहीं आ पा रहे हैं। वहीं वे मानसिक दौर से भी गुजर रहे हैं।
कई बार कर चुके हैं उच्च अधिकारियों से मांग
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ और हसला के पदाधिकारियों का मानना है कि इस बारे में शिक्षा विभाग के अधिकारी गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। प्रांतीय उपप्रधान महावीर सिंह, अभय सिंह, हरीश कुमार, हजरस आदि शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि अनेक बार सरकार और उच्च अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकों में यह समस्या रख चुके हैं। परीक्षा परिणाम प्रभावित होने के साथ विद्यार्थियों की संख्या घट रही हैं लेकिन कोई सुनवाई नहंी हो रही है।
दर्जनों स्कूलों में मुखिया ही नहीं
जिले के करीब एक दर्जन सरकारी स्कूल बिना मुखिया के चल रहे हैं। यदि ये प्राध्यापक पदोन्नत होते हैं तो न केवल इन स्कूलों को मुखिया मिल जाएंगे बल्कि प्राध्यापकों को भी अपना सम्मान मिल जाएगा। इनमें नांगलशहबाजपुर, प्राणपुरा, बावल कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, खंडोड़ा, मोहनपुर, सुलखा, रोहड़ाई, रतनथल, कन्हौरी, नांगलपठानी, दड़ौली, देहलावास गुलाबपुरा, जैनाबाद, धवाना, खोल आदि प्रमुख स्कूल शामिल हैं। यहां का डीडी पावर खंड शिक्षा अधिकारी को दिया गया है। ऐसे में स्कूलों की गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। db
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