हिसार : राजकीय उच्च विद्यालय मुख्याध्यापक एसोसिएशन ने हरियाणा सरकार द्वारा मुख्याध्यापक व प्रवक्ता पद से प्राचार्य पद पर पदोन्नति के अनुपात में बदलाव पर आपत्ति जताई है। पदाधिकारियों का कहना है कि अप्रैल 2012 में लगभग एक वर्ष पहले ही पदोन्नति अनुपात बढ़ाकर 67:33 किया गया था। उस समय भी यह न्यायसंगत नहीं था। राजकीय उच्च विद्यालय मुख्याध्यापक एसोसिएशन के प्रधान कैलाश सैनी ने कहा कि हसला ने उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का बहिष्कार करके सरकार पर अनुचित दबाव बनाकर हजारों अध्यापकों के हितों पर कुठाराघात करने का कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि हसला बार-बार यह भ्रामक प्रचार करती रही है कि साढ़े तीन वर्ष में मुख्याध्यापक प्राचार्य पद पर पदोन्नत हो जाता है। एक मास्टर लगभग 25 वर्ष की सेवा के उपरांत मुख्याध्यापक के पद पर पदोन्नत हो पाता है तो वह साढ़े तीन वर्ष में प्राचार्य कैसे बन सकता है। सरकार द्वारा अब सीधी भर्ती पर रोक लगा दी गई है, ऐसे में यदि सरकार ने प्रवक्ता पद से प्राचार्य पद पर कोटा और बढ़ा दिया तो बहुत कम मुख्याध्यापक, प्राचार्य पद पर पदोन्नत हो पाएंगे, यदि मुख्याध्यापक पदोन्नत नहीं होंगे तो रिक्ति के अभाव में हजारों अध्यापक पदोन्नति से वंचित रह जाएंगे। यदि सरकार प्रवक्ता वर्ग को पदोन्नति के अवसर वास्तव में बढ़ाना ही चाहती है तो सरकार 15 दिन में प्रांत के सभी उच्च विद्यालयों को सीनियर सेकंडरी स्कूलों में अपग्रेड करके अनुपात में प्रवक्ता व उच्च विद्यालय के वर्तमान मुख्याध्यापकों को अति शीघ्र पदोन्नत करे। db
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