जेआरएन विद्यापीठ उदयपुर, आईएएसई यूनिवर्सिटी राजस्थान, बेंगलुरू यूनिवर्सिटी, विनायक मिशन विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण प्राध्यापकों को छोड़कर बाकियों को स्कूल अलॉटमेंट किया गया है। इन पीजीटी शिक्षकों का कहना है कि ये चारों विश्वविद्यालय यूजीसी से मान्यता प्राप्त होने के साथ हजारों प्राध्यापक डिग्री प्राप्त कर पदोन्नति पा चुके हैं। ऐसे में केवल उन्हें नियुक्ति पत्र जारी करने से वंचित करना न्यायोचित नहीं है। प्रदेशभर के करीब एक हजार पीडि़त प्राध्यापकों ने रविवार देर शाम झज्जर में आयोजित धरने में शिक्षामंत्री और सांसद दीपेंद्र हुड्डा तक से मिलकर समस्या का समाधान कराने की मांग कर चुके हैं। उन्होंने जल्द ही विभाग की वित्त सचिव सुरीना राजन से बातचीत कर समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया।
पियूष हरित, अनिल कुमार, रविंद्र कुमार, पवन साहू, अमित सिवाच आदि ने कहा कि वित्तसचिव ने उन उम्मीदवारों को भी ज्वाइनिंग दी है जिनकी योग्यता अधूरी है। उनके केस सुप्रीमकोर्ट में लंबित हैं। जब उन्हें ज्वाइनिंग दी जा रही है तो उक्त चार विश्वविद्यालयों से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है।
आपत्ति है तो रिजेक्ट लेटर जारी करे
प्रवीण कुमार, प्रवीण जावेद खान, मनोज कुमार, विकास, रामबीर आदि का कहना है कि यदि शिक्षा विभाग को उनकी शैक्षणिक योग्यता से संबंधित कागजातों पर आपत्ति है तो वे रिजेक्ट लेटर जारी करें ताकि वे और इंतजार नहीं करें और आगे की प्रक्रिया शुरु कर सकें। ऐसे में उन्हें मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। db
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