चंडीगढ़ : हरियाणा एवं पंजाब हाई कोर्ट के फैसले से प्रभावित जेबीटी शिक्षकों के समर्थन में कई संगठन खड़े हो गए हैं। उनका कहना है कि गड़बड़ी में इन शिक्षकों का दोष नहीं है, उन्होंने पूरी ईमानदारी से सेवा की है। सरकार उनके खिलाफ राजनीति से प्रेरित होकर कार्रवाई न करे।
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा के अध्यक्ष विनोद ठाकरान व राज्य महासचिव दीपक गोस्वामी ने कहा कि शिक्षकों का कोई दोष नहीं है। यह व्यवस्था की कमियां हैं। शिक्षकों ने पिछले 14 साल से पूरे लगन और ईमानदारी से काम किया है। ऐसे में सरकार इनके विरुद्ध किसी भी प्रकार की राजनीति से प्रेरित कार्रवाई न करे। दोनों नेताओं ने कहा कि इसके लिए शिक्षक स्वयं भी हाईकोर्ट की डबल बैंच व सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेंगे। अगर फिर भी किसी प्रकार की कोई जरूरत पड़ी तो संगठन आमरण अनशन को भी तैयार है।
सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाने की सलाह
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वजीर सिंह, महासचिव सीएन भारती, कोषाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद व संगठन सचिव बलबीर सिंह ने कहा कि हजारों अध्यापकों द्वारा 13-14 वर्ष की सेवा करने के उपरांत उनके विपरीत फैंसला आना किसी भी दृष्टि से न्यायोचित नहीं है। उन्होंने हरियाणा सरकार से मांग की है कि शिक्षा व शिक्षक हित में इस निर्णय के विरोध में तुरंत उच्चतम न्यायालय में अपील करें। उनका संगठन संघर्ष में इन अध्यापकों के साथ रहेगा। dj
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