चंडीगढ़ : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) से एफिलिएटेड सभी स्कूल को अब बोर्ड से एके्रडिशन भी लेनी होगी। बोर्ड ने इस साल से इसे अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए स्कूलों को जून से एप्लाई करना होगा। स्कूल क्वालिटी असेसमेंट एंड एके्रडिशन (एसक्यूएए) स्कीम के तहत स्कूलों को हर पांच साल बाद एके्रडिशन लेनी होगी।
बोर्ड के चेयरमैन विनीत जोशी का कहना है कि इसके तहत स्कूलों में एजुकेशन क्वालिटी को चेक किया जाएगा। इंफ्रास्ट्रक्चर, मैनेजमेंट के आधार पर स्कूल की मार्किंग होगी। एके्रडिशन करने वाली एजेंसी और सीबीएसई के अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर तय होगा की संबंधित स्कूल को एके्रडिशन सर्टिफिकेट दिया जाए या नहीं। यदि स्कूल में किसी तरह की खामियों के चलते सर्टिफिकेट नहीं दिया जाता, तो स्कूल को छह माह का समय दिया जाएगा। इसके बाद स्कूल को नए सिरे से एके्रडिशन के लिए एप्लाई करना होगा।
क्वालिटी एजुकेशन की जांच के लिए सराहनीय कदम:
सीबीएसई की काउंसलर और डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. राकेश सचदेवा का कहना है कि एके्रडिशन के लिए बोर्ड की और से कई पैरामीटर तय किए गए हैं। इनमें टीचिंग मैथडोलॉजी, टीचर्स की क्वालिफिकेशन, स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर, एक्टिविटीज सहित कई पॉइंट्स शामिल हैं। बोर्ड की ओर से जारी प्रोफॉर्मा में स्कूलों को पूरी डिटेल देनी होगी। इसके बाद एजेंसी की एक कमेटी स्कूल में आकर उसे चेक करेगी और अपनी रिपोर्ट देगी। क्वालिटी एजुकेशन के लेवल को चेक करने के लिए बोर्ड का यह कदम सराहनीय है।
सीबीएसई दिल्ली की प्रवक्ता रमा शर्मा का कहना है कि इस बोर्ड के इस एके्रडिशन से पेरेंट्स को स्कूल के बारे में पूरी जानकारी वेबसाइट पर मिलने लगेगी।
यह पता चलेगा...
टीचर्स कितने क्वालिफाइड हैं।
स्कूल ने कौन से इनोवेशन किए हैं।
स्कूल को एके्रडिशन किन पैरामीटर्स पर दी गई या नहीं दी गई।
अन्य स्कूलों से किस तरह डिफरेंट है।
एजुकेशन क्वालिटी का लेवल क्या है। db
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