रोहतक : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड डीएड छात्रों से भद्दा मजाक कर रहा है। पहले तो बोर्ड़ ने इंटर्नशिप के नाम पर उनकी डीएड दो वर्ष की बजाय तीन वर्ष की कर दी और अब मेहनताना देने से भी पीछे हट रहा है। बोर्ड के अधिकारी इस मामले में छात्रों को पिछले एक वर्ष से गुमराह करते आ रहे थे। पहले तो आज-कल करते रहे, फिर सभी खंडों से छात्रों की विस्तृत रिपोर्ट न आने का बहाना लगाकर नवंबर के अंत में देने की बात कही लेकिन अब बोर्ड के चेयरमैन ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि इस बारे में सरकार की ओर से कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं। वहीं बोर्ड ने मेहनताना देने के लिए छात्रों से बैंक में अकाउंट भी खुलवा दिए थे। बोर्ड के इस उदासीन रवैये से छात्र सकते में हैं।
राज्य में इस समय 345 निजी व सरकारी संस्थान में डीएड का डिप्लोमा कराते हैं। इनमें प्रदेश की 18 डाइट हैं जिनमें 2600 छात्र डीएड कर रहे हैं। तीन संस्थाएं अल्पसंख्यक वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा 324 संस्थाएं निजी हैं जिनमें 17150 छात्र इंटर्नशिप कर रहे हैं। छात्रों का कहना था कि गत वर्ष इन छात्रों ने 16 नवंबर, 2012 से 15 जुलाई 2013 तक इंटर्नशिप की थी। 7 महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक उनका मेहनताना नहीं मिल पाया है। यही नहीं, आज तक छात्रों को 20 दिन की टीचिंग प्रेक्टिस का भी मेहनताना नहीं मिल पाया है।
क्या कहते हैं चेयरमैन
इस बारे जब बोर्ड के चेयरमैन ड़ा. केसी भारद्वाज से बात की गई तो उन्होंने पहले तो अनभिज्ञता जताते हुए 180 दिन की इंटर्नशिप का मेहनताना देने से स्पष्ट मना करते हुए कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। बाद में उन्होंने केवल 20 दिन की टीचिंग प्रेक्टिस का मेहनताना देने की बात कही। उन्होंने कहा कि 180 दिन की इंटर्नशिप देने की बोर्ड की कोई योजना ही नहीं थी। जब उनका ध्यान इस मामले को देख रहे उपनिदेशक योगेश वशिष्ठ द्वारा नवंबर में मेहनताना देने की बात की ओर दिलाया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में सरकार ही निर्णय लेगी। dt
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