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Sunday, 12 January 2014

शॉर्टलिस्टिंग में फिट नहीं हो रहे आवेदक

 ** 50 से 65 प्रतिशत तक अंक लेने वाले आवेदक नहीं हो पाते अंकों के आधार पर शॉर्टलिस्ट, लिखित परीक्षा कराने की मांग को लेकर एकजुट हुए आवेदक  
कुरुक्षेत्र : हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से निकाली जाने वाली हजारों भर्तियों में प्रदेश के अधिकतर पढ़े-लिखे बेरोजगार युवा फिट नहीं हो रहे। जिसका कारण आयोग का भर्ती के लिए शॉर्टलिस्ट आवेदकों का सीधा इंटरव्यू करवाना है। ऐसे में कुल पदों के आठ गुणा आवेदक ही इंटरव्यू के योग्य घोषित किए जाते हैं। 
2005 तक 12वीं की कक्षा उत्तीर्ण करने वाले अधिकतर आवेदकों के कम अंक हैं। इसी कारण वे इंटरव्यू में नहीं आ पाते। 2005 के बाद 12वीं में अंक भी खुलकर आने लगे। प्रदेशभर के ऐसे लाखों आवेदक नौकरी लगने की उम्मीद से आवेदन फार्म तो जरूर भरते हैं लेकिन शॉर्टलिस्ट के अंक बहुत ज्यादा होने के कारण उनकी उम्मीद हर बार टूट जाती है। वहीं जब आवेदकों की समस्याओं को आयोग के सचिव के सामने रखा गया तो वे सुनने के लिए भी तैयार नहीं हैं। 
यह है मायूसी का कारण 
वर्ष 2005 तक शिक्षा बोर्ड वार्षिक परीक्षाएं आयोजित करता था। जिसके चलते विद्यार्थियों के अंक बमुश्किल 60 प्रतिशत के करीब बन पाते थे। इसके बाद शिक्षा विभाग ने सेमेस्टर प्रणाली शुरू कर दी। जिसके कारण अंकों की झड़ी लग गई। सेमेस्टर सिस्टम के कारण विद्यार्थियों का परिणाम सबसे कम 60 प्रतिशत रह गया जबकि अधिकतर विद्यार्थियों के अंक 80 से 90 प्रतिशत तक के बीच आने लगे। ऐसे में सरकारी नौकरियों में भी इन अंकों के आधार पर ये आवेदक 2005 से पहले 10वीं व 12वीं की परीक्षा पास कर चुके आवेदकों को पछाड़ रहे हैं। 
शॉर्टलिस्ट सिस्टम खत्म हो 
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की विभिन्न भर्तियों में आवेदन करने वाले विरेंद्र, विक्रम और निर्मल सिंह ने कहा कि आयोग को शॉर्टलिस्ट तुरंत खत्म करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके 60 प्रतिशत से अधिक अंक हैं। इसके बावजूद उनका नाम शॉर्टलिस्ट में नहीं आता। विरेंद्र ने बताया कि वह अब तक लगभग 105 पदों के लिए आवेदन फार्म भर चुका है। शॉर्टलिस्ट सिस्टम होने के कारण सेमेस्टर सिस्टम में अधिक अंक लेने वाले आवेदक उनका नंबर काट देते हैं। आवेदकों ने कहा कि यह समस्या प्रदेश के लाखों आवेदकों की है। 
हेल्पलाइन से करें सवाल 
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सचिव पीडी वर्मा से जब आवेदकों की इन समस्याओं के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वे इस बारे में आयोग की हेल्पलाइन से सवाल करें। इसके बाद उन्होंने फोन काट दिया। इसके बाद जब उनसे दोबारा संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। 
ये भी समस्याएं 
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की विभिन्न भर्तियों के लिए आवेदन फॉर्म भरने वाले आवेदकों की समस्या यह भी है कि भर्ती प्रक्रिया बहुत लंबी चलती है। ऐसे में भर्ती निकालने के साथ ही भर्ती करने के लिए भी समय निर्धारित किया जाए। ताकि जल्द से जल्द भर्ती हो सके। वहीं भर्ती रद्द होने की स्थिति में आवेदकों को पैसे लेने के लिए पंचकूला ना जाना पड़े और पत्र व्यवहार ना करना पड़े। इसके लिए जिला स्तर पर ही ट्रेजरी में पैसे वापस लेने की व्यवस्था शुरू की जाए।                                 db

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