** सेवानिवृत्त अध्यापकों को फिर से स्कूलों में लगाया जाना घातक
यमुनानगर : हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ मुख्यालय अध्यापक भवन जींद ने प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षकों के प्रति अपनाई जा रही नीतियों की निंदा की है। सोमवार प्रात: नेहरू पार्क में आयोजित बैठक में शिक्षकों के लिए निराशावादी कदमों के बारे में चर्चा की गई। साथ ही तीन हजार के करीब जेबीटी शिक्षकों के प्रति समर्थन व्यक्त किया गया।
जिला प्रधान उमेश प्रताप वत्स की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जिला महासचिव सुरेन्द्र गोयल ने कहा कि सरकार ने सन 2000 में लगे 3206 अध्यापकों के लिए कोई संरक्षण नीति नहीं अपनाई। वे बेकसूर अध्यापक साथी अब 13 वर्षो के बाद स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। दूसरी ओर युवा बेरोजगार अध्यापकों की अपेक्षा सेवानिवृत्त अध्यापकों को पुन: स्कूलों में लगाया जाना भी शिक्षा सुधार के लिए घातक कदम है।
संघ के चेयरमैन रमेश कांबोज व संरक्षक बलबीर सिंह ने कहा कि सरकार अल्प समय के लिए भी युवा शिक्षित साथियों को अवसर दें ताकि वे अधिक ऊर्जा के साथ अपना योगदान दे सके। संघ के राज्य वरिष्ठ उपप्रधान यशपाल ढांडा और कोषाध्यक्ष रमेश शर्मा ने कहा कि वैसे तो अध्यापक संघ नियमित अध्यापक भर्ती के हित में ही सदा रहा है। किन्तु यदि सरकार ने किसी भी कारण से अनुबंध के आधार पर अध्यापक लगाने भी पड़े तो उनके लिए दो या तीन वर्ष की समय सीमा तय होनी चाहिए। उसके बाद उन्हें नियमित कर देना चाहिए।
जिला प्रधान ने साथियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम हर प्रकार से 3206 जेबीटी अध्यापकों के साथ हैं और सरकार से आग्रह करते हैं कि इनके बारे में कोई नीति बनाकर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाए।
अतिथि अध्यापकों को भी सरकार कोई ठोस नीति अपनाकर अतिशीघ्र पक्का करें। राज्य के स्कूलों में अध्यापकों के इतने पद रिक्त पड़े हैं, यदि सरकार सभी अतिथि अध्यापकों को नियमित करके अन्य पात्र अध्यापकों को भी लगाए तो लगभग 35-40 हजार युवाओं को अवसर मिलेगा।
इस अवसर पर संघ के जिला वरिष्ठ उपप्रधान गोपाल वर्मा, उपप्रधान निरंजन सिंह, हरीश कुमार, सुभाष चन्द, प्रमोद अरोड़ा, कुलदीप सिंह, संजीव कौशिक, मनोज कुमार, संजय कांबोज, श्रीश कुमार, खेमलाल, सुखबीर सिंह आदि उपस्थित रहे। dj
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